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बढ़ रही है कर्जदार किसानों की तादाद- एनएसएसओ

विकास के बहुमुखी हल्ले के बीच कृषि-संकट जारी है। तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र से रह-रह कर आ रही किसान-आत्महत्याओं की खबरों के बीच राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण(एनएसएसओ) द्वारा इस माह जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 52 फीसदी खेतिहर परिवार कर्ज में डूबे हैं। रिपोर्ट में का यह तथ्य जुलाई 2012 से जून 2013 के बीच की स्थिति के बारे में है।(देखें नीचे दी गई लिंक) तकरीबन साढ़े...

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स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग

कृषि क्षेत्र में संकट दूर करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग करते हुए शुक्रवार को लोकसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने किसानोन्मुखी कृषि नीति तैयार करने, खेती को उद्योग का दर्जा देने, खेती योग्य जमीन को बचाने और किसानों को कर्ज माफी सुगम बनाने का विचार रखा। लोकसभा में राष्ट्रीय कृषक आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन के संबंध में राजू शेट्टी के निजी संकल्प...

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तेल देखो, तेल की मार देखो - मधुरेन्द्र सिन्हा

भारत सहित उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में इस समय खुशी की एक लहर दौड़ रही है। वजह है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की गिरती हुई कीमतें। पिछले पांच महीनों से तेल के दाम लगातार घट रहे हैं और अब तो यह पांच साल के न्यूनतम स्तर पर जा पहुंचा है। लेकिन बात यहीं खत्म होती नहीं दिखाई दे रही। ऐसा लग रहा है कि कच्चे तेल की कीमतें 60 डॉलर...

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किसानों और गरीबों की जीत- श्रीकांत शर्मा

विश्व व्यापार संगठन (डब्‍ल्‍यूटीओ) की महासभा ने 27 नवंबर को खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए भंडारण के संबंध में एक अहम निर्णय किया है, जिसके बाद भारत में गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम और किसानों के लिए न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) पर आसन्‍न संकट टल गया है। भारत अब डब्‍ल्‍यूटीओ के सदस्‍य देशों के दखल के बगैर गरीबों को सस्‍ता अनाज देता रहेगा और किसानों को उनकी उपज के...

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'तो गाँव की हर औरत लखपति होती..'

जॉर्ज मोनबाएट ने कहा है कि अगर धन कठिन परिश्रम और व्यवहार कुशलता का परिणाम होता तो अफ्रीका की प्रत्येक महिला लखपति होती. भारत की अर्थव्यवस्था में गांवों की अहम भूमिका है और गांवों की अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भूमिका पुरुषों से ज़्यादा है. यानी ग्रामीण महिलाएं भारत की अर्थव्यवस्था की धुरी हैं, लेकिन उनकी मुश्किलों की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता. न ही समाज का और न ही सरकार का. उनकी...

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