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बराबरी के हक की पुरानी लड़ाई- एस श्रीनिवासन

तमिलनाडु में उत्सवी बयार बह उठी है, क्योंकि यह ‘आदि' का महीना है। तमिल कैलेंडर का चौथा महीना। इसकी शुरुआत जुलाई के मध्य महीने में हो जाती है। मान्यता है कि ‘दक्षिणया पुण्यकाल' आरंभ हो जाता है, यानी देवताओं के लिए रात की शुरुआत। यह महीना जल और प्रकृति से जुड़ी देवियों को समर्पित है। लिहाजा पूरे राज्य में अम्मा और देवी मंदिरों में पूजा-आराधना शुरू हो जाती है। कहा...

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बिहार के किसानों की आय सबसे कम, पंजाब अव्वल

देश में किसानों की दयनीय हालत किसी से छिपी नहीं है और अब इसकी तसदीक राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय के आंकड़ों से भी हो गई है। सर्वेक्षण के मुताबिक किसानों की मासिक आय 6,426 रुपये आंकी गई है, जबकि प्रत्येक किसान औसतन 47,000 रुपये का कर्जदार है। इनमें भी कृषि प्रधान बिहार की स्थिति और भी दयनीय है। यहां के किसानों की मासिक आय मात्र 3,558 रुपये है, जबकि पंजाब...

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अच्‍छी मानसून के बाद भी अभी भी प्‍यासा है 25 फीसद भारत

नई दिल्‍ली। पूरे देश में औसत से 1 फीसद अधिक बारिश के साथ इस बार मानसून बेहतर है लेकिन इससे पूरे देश की तस्‍वीर बयां नहीं हो रही है। हर जिले का विश्‍लेषण करने के बाद भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने ताजा आंकड़े जारी किए हैं, जिसके अनुसार देश के एक तिहाई से भी अधिक यानी 178 जिले में बारिश की कमी है। वहीं, 171 जिले में औसत से...

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आम आदमी से छीनी जा रही गंगा-- डा.भरत झुनझुनवाला

केंद्र सरकार ने गंगा पर इलाहाबाद से हल्दिया तक जहाज चलाने का निर्णय लिया है. इसके लिए एक जहाज पटना से रामनगर के लिए रवाना हुआ था. जहाज को बनारस में राजघाट पर राज्य के वन विभाग ने रोक लिया है. राजघाट से रामनगर तक की 10 किमी की दूरी को कछुओं के संरक्षण के लिए कछुआ सेंचुरी घोषित किया गया है. वन विभाग का कहना है कि कछुआ सेंचुरी में...

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बिछड़े सब बारी-बारी, खेती-बारी-- अनिल रघुराज

आखिर कोई कितना इंतजार करता! देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था, ‘सब कुछ इंतजार कर सकता है, लेकिन कृषि नहीं.' मगर, आजादी से लेकर कृषि को इंतजार करते-करते अब सात दशक होने जा रहे हैं. वह अब भी भगवान भरोसे है. इंद्रदेव नाराज, तो सूखे की त्रासदी और खुश तो बहुत बड़े इलाके में बाढ़ की तबाही. जिनके बरदाश्त करने की हद चुक जाती है, वे इस...

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