नई दिल्ली. आज अर्थ डे है। दुनियाभर में धरती को बचाने की कोशिशें हो रही हैं। 1970 में छोटे से समूह अर्थ डे नेटवर्क ने अमेरिका ने 22 अप्रैल को 'पृथ्वी दिवस घोषित किया। संयुक्त राष्ट्र ने 2009 में 22 अप्रैल को 'अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस' के रूप में मान्यता दी। धरती पर बढ़ रहे कचरे, प्रदूषण, विलुप्त होते जीव-जंतु और पेड़-पौधों पर मंडरा रहे खतरों के प्रति जागरुकता पैदा करना इसका मुख्य उद्देश्य...
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सीएसई का बारहवां मीडिया फैलोशिप- आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ायी गई
सेंटर फॉर साईंस एंड एन्वायर्न्मेंट (सीएसई) की पापिया समजदार से प्राप्त सूचना के अनुसार सीएसई के बारहवें मीडिया फैलोशिप- वाटरबॉडीज इन इंडिया: पब्लिक स्पेस, प्राइवेट डिजायन- में आवेदन करने की अंतिम तिथि बढाकर 31 मई,2011 कर दी गई है। इस सिलसिले में किसी भी स्पष्टीकरण के लिए कृपया निम्नलिखित नंबर पर फोन या फैक्स करें- फोन: 011-29955124, 29955125, फैक्स: 011-29955879' 9811906977 ईमेल: उद्योग-धंधे, शहरीकरण, बढ़ती आबादी, आधे-अधूरे कानून-- जमीन ही नहीं जलाशयों पर भी इन सबका...
More »दिल्ली के पानी में मिला घातक सुपरबग
नई दिल्ली. दुनिया में वैज्ञानिकों की चिंता का कारण बना घातक सुपरबग न्यू डेल्ही मेटालोबीटा लेक्टामेस याने एनडीएम-1 दिल्ली के पानी में मौजूद है। पानी के माध्यम से यह दिल्ली के नागरिकों के शरीर में घुसपैठ कर रहा है। यह सुपरबग बीमारियों के कीटाणु को इतना मजबूत कर देता है कि उन पर किसी भी दवा का असर नहीं होता। विश्व के कई देशों में एनडीएम की मौजूदगी पाई गई है। इन देशों ने आरोप लगाया है...
More »जहां बरसता है बादल, बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं लोग-विजय मनोहर तिवारी
चेरापूंजी में सबसे ज्यादा बारिश होती है। फिर भी यहां पीने के पानी का संकट है। इसलिए क्योंकि लोगों की घरों में पानी बचाकर रखने की आदत नहीं है। यहां पहाड़ ही पानी का जरिया हैं। बहती धाराओं के नीचे बनाए गए कुंड या इनके नीचे खासतौर पर रखी टंकियों में पानी जमा होता है। फिर पीवीसी पाइपों से सीधे घरों में पहुंचता है। स्थानीय निवासी 50 वर्षीय केनी का सवाल...
More »रेत की रग-रग में सहेज लेते हैं पानी की बूंदें
जयपुर/जैसलमेर. जैसलमेर में लोग रेत की रग-रग में पानी की बूंदें सहेजना जानते हैं। पानी की हर बूंद के उपयोग की परंपरा यहां सदियों पुरानी है। लोग खाट पर बैठकर नहाते हैं। नीचे इकट्ठा किए पानी को घर व बर्तन धोने जैसे कामों में लेते हैं। तीन तरह का पानी रखते हैं। पीने के लिए मीठा। रसोई के लिए कम खारा और अन्य कामों के लिए खारा। करीब हर घर में...
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