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न्यूज चैनल नहीं चला रहे हैं देश - राजीव सचान

लाहौर में ईसाइयों को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के टीवी चैनलों की नियामक संस्था 'पीईएमआरए" ने यह अजीबोगरीब निर्देश जारी किया कि वे जिम्मेदारी भरा कवरेज करें, ठीक वैसे ही जैसे ब्रसेल्स में आतंकी हमले के बाद यूरोपीय टीवी चैनलों ने किया था। उन्हें यह भी हिदायत दी गई कि वे भारतीय टीवी चैनलों की नकल करने से बचें। पता नहीं भारतीय न्यूज चैनल पाकिस्तान...

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पनामा लीक्स : अारबीआई, सीबीडीटी करेंगे जांच

  नयी दिल्ली, 4 अप्रैल (एजेंसी) as copyटैक्स बचाने के लिए दूसरे देशों में पैसा छिपाने के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा खुलासा करने वाले ‘पनामा पेपर्स' में 500 भारतीयों का नाम आने के बाद सरकार ने विभिन्न एजेसियों का एक ग्रुप गठित कर दिया है और ऐलान किया है कि गैर कानूनी ढंग से विदेशों में पैसा रखने वालों पर कार्रवाई होगी।   वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि...

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छत्तीसगढ़ के बस्तर में एक और पत्रकार गिरफ्तार

रायपुर: सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में एक पत्रकार को पकडे जाने के कुछ दिन बाद एक अन्य पत्रकार को छत्तीसगढ के बस्तर क्षेत्र में स्कूल में जबरन घुस आने और कर्मचारियों से दुव्यर्वहार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. दंतेवाडा जिले के पुलिस अधीक्षक कमल लोचन कश्यप ने आज भाषा को दूरभाष पर बताया कि जिले के गीदम थाना क्षेत्र में पुलिस ने शासकीय...

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कहीं पत्रकारिता की शक्ल अचानक बदलने तो नहीं लगी...?-- सुधीर जैन

पत्रकारिता पर क्या वाकई विश्वसनीयता का संकट आ गया है...? यह सवाल विद्वान लोग उठाते थे, अब जनसाधारण में ये बातें होने लगी हैं। पहले और अब में एक फर्क यह भी है कि पहले अपनी विश्वसनीयता के कारण पत्रकारिता जनता पर जितना असर डालती थी, अब उतना नहीं डाल पाती। अब तो मीडिया का पाठक या दर्शक हाल के हाल उसकी ख़बरों और खयालों पर टीका-टिप्पणी करने लगा है।...

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सवाल विज्ञान-मुखी बनने का है-- प्रमोद जोशी

विजय माल्या के पलायन, देशद्रोह और भक्ति से घिरे मीडिया की कवरेज में विज्ञान और तकनीक आज भी काफी पीछे हैं. जबकि इसे विज्ञान और तकनीक का दौर माना जाता है. इसकी वजह हमारी अतिशय भावुकता और अधूरी जानकारी है. विज्ञान और तकनीक रहस्य का पिटारा है, जिसे दूर से देखते हैं तो लगता है कि हमारे जैसे गरीब देश के लिए ये बातें विलासिता से भरी हैं. नवंबर...

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