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राजस्थान के आदिवासी भील किसी भी दल की प्राथमिकता में क्यों नहीं हैं

चित्तौड़गढ़: खाट पर पड़े ढेरों फटे कपड़े, कुछ बर्तन, बुझा चूल्हा, पीपे में थोड़े से सूखे आटे के साथ रखी कुछ रोटी और लोहे के संदूक के अलावा इस खपरैल ओढे ‘घर' में कुछ नहीं है. चूल्हे के पास ही तीन महीने पहले एक बेटी को जन्म देने वाली गोपी भील (40) दर्द से कराह रही हैं क्योंकि उनका प्रसव घर पर ही हुआ और उसके बाद उनकी देखभाल एक जच्चा...

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सभी राजनीतिक दलों को आरटीआई क़ानून को बचाने का संकल्प लेना चाहिए

मैं सभी राजनीतिक दलों से कहता रहा हूं कि वे वोट मांगने से पहले यह वादा करें कि सत्ता में आने के बाद वे सूचना के अधिकार कानून को मजबूती से लागू करेंगे. अब तक केवल कांग्रेस ने मेरी बात का जवाब दिया है. अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने ‘आरटीआई कानून को मजबूत करने' का वादा करते हुए कहा है कि वह आरटीआई अधिनियम की मूल भावना के अनुरूप समाज के...

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आज के समय में जाति के विरोध में कोई भी आंदोलन होता नहीं दिखता: आनंद तेलतुम्बड़े

नई दिल्ली: जाने-माने शिक्षाविद, लेखक और भीमा कोरेगांव प्रकरण में आरोपी प्रो. आनंद तेलतुम्बड़े ने आंबेडकर जयंती के मौके पर नई दिल्ली में एक सार्वजनिक सभा को संभोधित किया. इस मौके पर आनंद तेलतुम्बड़े ने कहा, ‘आंबेडकर को हर कोई अपने अपने ढंग से समझता है. आज के समय में हर राजनीतिक दल उन्हें अपना बताने की कोशिश में हैं लेकिन आंबेडकर के विचारों पर कोई नहीं चलना चाहता.' मालूम हो कि...

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डीडी न्यूज़ पर भाजपा को एक महीने में 160 घंटे और कांग्रेस को 80 घंटे का कवरेज मिला

नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों की घोषणा के लगभग एक महीने बाद, भाजपा को डीडी न्यूज और उसके क्षेत्रीय चैनलों पर लगभग 160 घंटे का ‘एयरटाइम कवरेज' मिला, जबकि कांग्रेस को इसका आधा हिस्सा यानी कि करीब 80 घंटा ही कवरेज मिला है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट से ये जानकारी सामने आई है. डीडी न्यूज द्वारा पांच अप्रैल को चुनाव आयोग (ईसी) के साथ साझा की गई सभी राजनीतिक दलों को...

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दलित विमर्श का हाशिए पर जाना-- बद्रीनारायण

स बार के संसदीय चुनाव में दलित विमर्श हाशिए पर जाता दिख रहा है। एक तो राजनीतिक दलों के घोषणापत्रों में दलित समाज को वंचित श्रेणी में रखकर महिलाओं और अन्य वंचित-शोषित समुदायों के साथ ही प्रस्तुत किया जा रहा है। लिखित और प्रकाशित घोषणापत्रों व प्रचार सामग्रियों में ‘दलित' शब्द की जगह ‘अनुसूचित जाति' और ‘वंचित' जैसे शब्द आने लगे हैं। दलितों के लिए भी अन्य के साथ कुछ...

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