नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने फील्ड कर्मचारियों से संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की भविष्य निधि योजना के तहत वेतन की अधिकतम सीमा बढ़ाकर 15,000 रुपए किए जाने के सरकार के निर्णय को लागू कराने का निर्देश दिया है। इन कर्मचारियों से योजनाओं के तहत न्यूनतम मासिक पेंशन 1,000 रुपए करने के लिए भी कहा गया है। संगठन ने अपने कार्यालय आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा है...
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किसानों के लिए आनेवाले दिन बहुत भारी- देविंदर शर्मा
भारतीय मॉनसून के लिए अल नीनो, एक विलेन की तरह माना जाता है. अल नीनो की मार से ऑस्ट्रेलिया और भारत सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. अल नीनो से सामान्य मॉनसून की हालत बिगड़ने का अंदेशा है, जिससे बारिश कम होने की आशंका जतायी जा रही है. देश के मौसम विभाग ने इस वर्ष अल नीनो के आने की 70 फीसदी तक उम्मीद जतायी है. दरअसल, मॉनसून के सबसे बीचवाले...
More »कागजों में बना 81 लाख का डेम, कारोपानी के काले हिरण प्यासे!
पीयूष बाजपेयी, जबलपुर। आपको यदि एक लीटर पानी किसी डेम से निकालने के लिये यदि कोई 500 रुपये का इनाम दे तो आप इसे क्या कहेंगे। ये इनाम एक सामाजिक कार्यकर्ता ने देने की पेशकश की है। मामला सीधे तौर पर विश्व प्रसिद्ध डिण्डौरी के कारोपानी वाले काले हिरणों से जुड़ा हुआ है। काले हिरणों की प्यास बुझाने और उनको बचाने के लिए जो डेम तैयार किया गया उसमें पानी नहीं...
More »स्त्री सशक्तीकरण की शर्तें- विकास नारायण राय
जनसत्ता 16 जून, 2014 : बलात्कार और हत्या पर राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए बदायूं के कटरा सादतगंज गांव में पहुंचने वाले राजनीतिकों को उपेक्षा से नहीं लेना चाहिए। न इस जमात के दूर से ऊलजलूल अर्द्ध-सत्य बोलने वालों को। दरअसल, इन सतही कवायदों में स्त्री-सशक्तीकरण के पैरोकारों के लिए एक निहित संदेश है- स्त्री-विरुद्ध हिंसा के मसलों पर समग्र राजनीतिक एजेंडे की सख्त जरूरत है। मीडिया, एनजीओ और कानून...
More »अलनीनो, मॉनसून और अर्थव्यवस्था- अविनाश कुमार चंचल
दुनियाभर के पर्यावरण विशेषज्ञ 2014 को अलनीनो का साल मान रहे हैं. अगर सच में यह साल अलनीनो के प्रभावों वाला होगा, तो यह भारत सहित समूचे दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए चिंताजनक स्थिति बन सकती है. भारतीय मौसम विभाग ने भी इस साल मॉनसून में कमी का अनुमान जताया है. अलनीनो, मॉनसून और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव पर नजर डाल रहा है आज का नॉलेज. पर्यावरण के गंभीर खतरों के बीच...
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