देश में बीटी बैंगन उगाने की अनुमति को लेकर बहस अब तेज हो गई है। बहुराष्ट्रीय कंपनी मोनसांटो और उसकी भारतीय साझेदार मायको इसकी तरफदारी कर रही हैं। तो स्वयंसेवी संस्थाएं व स्वतंत्र वैज्ञानिक इसका विरोध। दावों और विरोध का आधार क्या है? वैज्ञानिक सबूत क्या हैं? ऐसे में बीटी कॉटन का पिछले आठ साल का प्रदर्शन ही क्या बीटी बैंगन को उगाने की अनुमति का आधार हो सकता है? गुजरात: बीटी कॉटन से छाई खुशहाली बीटी...
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कितना भूखा है मध्यप्रदेश: शिरीष खरे
झाबुआ, मध्यप्रदेश: कुपोषण ने दो दर्जन से ज्यादा बच्चों को निगला है- यह हाल आदिवासी जिले झाबुआ का है, जहां मेघनगर ब्लाक के अगासिया और मदारानी गांवों में बच्चों की मौत का सिलसिला है कि टूटता ही नहीं। फिलहाल पूरा मध्यप्रदेश ही इतना भूखा है कि यहां न जाने क्यों भूख का नामोनिशान है कि मिटता ही नहीं ?केवल अक्टूबर में ही झाबुआ के इन 2 गांवों से 25 बच्चों...
More »भोजन का अधिकार विधेयक- बहुत देर कर दी...
क्या सूखाड़ की ओट लेकर आहार-सुरक्षा के विधेयक को लाने में देरी की जा रही है। कम से कम भाजन के अधिकार अभियान से जुड़े गणमान्य नागरिकों और संगठनों के एक हिस्से का यही मानना है। अभियान से जुड़े संगठनों की मांग है कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजन के अधिकार विधेयक के संबंध में तुरंत सलाह मशविरे की प्रक्रिया शुरु की जानी चाहिए ताकि प्रस्तावित विधेयक को जल्दी से जल्दी...
More »अमेरिका: हर सातवें घर में रही भूख की छाया
वाशिंगटन। मंदी से प्रभावित अमेरिका में पिछले वर्ष हर सातवें घर में हमेशा पर्याप्त भोजन उपलब्ध नहीं था, जो जीवन की मूल आवश्यकता है। सरकार द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार अमेरिकी कृषि विभाग ने कहा कि वर्ष 2008 में भूख दर 14.6 प्रतिशत रही। इसका अर्थ हुआ कि अमेरिका के करीब पांच करोड़ लोगों को साल के दौरान खाद्य असुरक्षा...
More »गांवों में भी समय दें डॉक्टर : प्रतिभा पाटिल
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने युवा डाक्टरों से अपील की है कि वे अपने चिकित्सकीय जीवन का कुछ समय दूरदराज के क्षेत्रों व ग्रामीण इलाकों में दें, ताकि वहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ लाभ मिल सके। सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में आयोजित 37वें दीक्षांत समारोह के दौरान राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने कहा कि इससे न केवल डॉक्टरों को राष्ट्रसेवा का सुख मिलेगा बल्कि...
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