रांची. विकास कार्य के लिए अधिग्रहित जमीन धड़ल्ले से बिक रही है। रांची जिले में ही एनएच, डैम, स्कूल व पशुपालन विभाग के लिए अधिग्रहित सैकड़ों एकड़ जमीन बिक गई। इसे खरीदने में बिल्डरों और आम आदमी के अलावा अधिकारी भी पीछे नहीं रहे। अंचल कार्यालय के पास यह रिकॉर्ड ही नहीं है कि अब तक कितनी जमीनों का अधिग्रहण हुआ है। अधिग्रहण के समय रैयतों को जिस जमीन का मुआवजा दिया जा चुका...
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आंध्र में किसानों के लिए जानलेवा बना माइक्रो फ़ाइनेंस- जुबैर अहमद
हैदराबाद से एक घंटे की दूरी पर बसे गाँव हाजीपल्ली में एक बूढी महिला बीबीसी की टीम को देखते ही रो पड़ती है. उसे पता है की हम उसके बेटे की मौत के कारण के बारे में जानकारी लेने आये हैं. बेटे ने डेढ़ साल पहले कर्जों के कारण आत्म हत्या कर ली थी. लेकिन इस महिला का ग़म अब भी ताज़ा है. बेटे ने अपने परिवार की ज़िन्दगी बनाने के लिए एक...
More »इस गांव के लोग थाना नहीं जाते
कभी अपराध और आंतक के लिए कुख्यात गावां का विशनीटीकर गांव विकास की नयी गाथा गढ़ रहा है. मामला विकास का हो या फिर शांति का, इस गांव ने आम सहमति को हथियार बनाकर मिसाल कायम किया है. गावां प्रखंड मुख्यालय से दस किलोमीटर की दूरी पर बसा यह गांव काफी पिछड़ा हुआ गांव माना जाता था. अस्सी और नब्बे के दशक में गांव में अपराध इस कदर बढ़ गया था कि...
More »हथियारों के ‘जखीरे’ पर खडी है दुनिया
नई दिल्ली : अफ्रीका से लेकर एशिया तक हर तरफ मची हिंसा में छोटे हथियारों का अत्यधिक इस्तेमाल हो रहा है और विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि राजनीतिक अस्थिरता तथा कानून व्यवस्था की स्थिति को सुधारा नहीं गया तो आने वाले समय में स्थिति और विकट हो जायेगी. - विश्व में 87 करोड़ 50 लाख छोटे हथियार दुनियाभर में कितने छोटे हथियार हैं इसका कोई ठीक ठीक आंकडा नहीं है लेकिन संयुक्त राष्ट्र...
More »मंदी से बचे रहेंगे खेत और किसान
सामाजिक कार्यकर्ता अशोक भगत अपने वैचारिक आधार से ज्यादा गांवों के विकास का आधार तैयार करने के लिए जाने जाते हैं. 1983 में उन्होंने देश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक गुमला के बिशुनपुर से विकास भारती नामक संस्था बना कर ग्राम विकास के काम की शुरुआत की. आज इस संस्था की राज्य के हर जिले में उपस्थिति है. विकास भारती का 30 वां साल चल रहा है. लंबी यात्र...
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