पटना ग्रामीण इलाकों में होने वाली हिंसा की अधिकांश घटनाओं के मूल में भूमि संबंधी विवाद रहे हैं। शहरी इलाके भी इससे प्रभावित हैं। इस परेशानी को दूर करने के लिए सरकार ने ठोस पहल करते हुए प्रासंगिक कानून में संशोधन करते हुए भूमि विवाद निराकरण अधिनियम बनाकर इससे संबंधित नियमावली भी बना ली है। इसे एक अप्रैल के प्रभाव से लागू कर दिया गया है। दरअसल भूमि विवाद को लेकर एक आम धारणा है कि...
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मैडम की सेवा से दरक रहे सपने
नवादा [वरुणेंद्र कुमार]। लड़कियां सहनशील होती हैं। हालात से जल्दी समझौता कर लेती हैं। दर्द होने पर भी मुंह से कभी उफ नहीं करतीं। इन्हीं परिस्थितियों में उनके सपने टूट कर बिखर जाते हैं। ऐसा ही कुछ देखने को मिला मेसकौर प्रखंड में संचालित कस्तूरबा विद्यालय में। खाने को अधजली रोटी, पीने को कुएं का पानी, नहाने की भी समस्या, सोने को फर्श, फिर भी सब ठीक। सोमवार को जब जागरण टीम कस्तूरबा आवासीय विद्यालय...
More »चौथी पास एक नन्ही टीचर
अकोढ़ीगोला [रोहतास, कमलेश कुमार]। रेल पटरी के पास पड़ी एक नवजात बच्ची। फुलवा की उस पर नजर पड़ी और घर ले आई। उसे जीने का मकसद और नवजात को नयी जिंदगी मिल गई। फुलवा ने उसका नाम 'भारत' की भारती रखा। उसका सपना कि वह पढ़ लिखकर टीचर बने और समाज को शिक्षित बनाए। फुलवा तो अब नहीं है, लेकिन उसकी बेटी अपने मां के मकसद को जरूर साकार कर रही है। वह टोले...
More »शिक्षा है अनमोल रतन पढ़ने का सब करो जतन
रातू [चंद्रशेखर उपाध्याय]। सब पढ़ें, सब बढ़ें, यह उनकी दिली ख्वाहिश है। सो, सारी उम्र लगा दी शिक्षा के प्रचार-प्रसार में। वह कहते हैं, शिक्षा अनमोल रत्न है, पढ़ने-पढ़ाने का यत्न सभी को करना चाहिए। अलबत्ता, जीवन में ऐसे दिन भी आते हैं, जब हम हताश हो जाते हैं, परंतु यह परीक्षा की घड़ी होती है। हम बात कर रहे हैं रातू चट्टी के डा लक्ष्मण उरांव की, जिन्होंने तमाम विपरीत परिस्थितियों में मुकाम हासिल...
More »कंधे पर रायफल और हाथों में हल
बक्सर [दिलीप कुमार]। 70 के दशक के मध्य में देश में अनाज की कमी को पूरा करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था। इस नारे ने देश में ऐसा जोश भरा कि हर शख्स सीमा की रक्षा और धरती मां की सेवा में अपना योगदान देने को आतुर हो उठा। नई पीढ़ी भले ही इस नारे को भूल चुकी हो, लेकिन बक्सर के...
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