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ओड़िशा में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 19 हुई, न्यायिक जांच के आदेश

कटक , आठ फरवरी (एजेंसी) ओड़िशा के जहरीली शराब हादसे में इलाज के दौरान 14 और लोगों की मौत के साथ आज मरने वालों की संख्या 19 तक पहुंच गई। इसके चलते राज्य सरकार को घटना की न्यायिक जांच का आदेश देना पड़ा । आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सोमवार की रात कटक जिले के महीधारपाडा क्षेत्र में देसी शराब पीने वाले 13 लोगों का उपचार इस समय कटक के एससीबी मेडिकल कालेज...

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विकास की बंद गली- भारत डोगरा

जनसत्ता 2 फरवरी, 2012 : हाल के वैश्विक संकट ने विश्व-स्तर पर लोगों को नए सिरे से आर्थिक नीतियों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया है। अब आम लोग और विशेषज्ञ दोनों निजीकरण, बाजारीकरण और भूमंडलीकरण पर आधारित मॉडल की प्रासंगिकता पर सवाल उठा रहे हैं। आम लोगों की बेचैनी की अभिव्यक्ति सबसे प्रबल रूप में आक्युपाइ द वॉल स्ट्रीट आंदोलन के रूप में हुई है। दूसरी ओर, इस बार...

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खबर पढ़ने के बाद इन युवाओं की खोज को सलाम करेंगे आप!

रायपुर/महासमुंद। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के लिए अब किसानों को इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है। किसानों को फसल लेने के लिए मौसम की जानकारी उनके घर और खेतों में सहज ढंग से ही उपलब्ध हो जाया करेगी। गड़बेडा स्थित बाल वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र के बच्चों ने किसान हितैषी इस हाईटेक मेजर सिस्टम का निर्माण किया है।     खरीफ के साथ ही साथ अब किसानों को रबी की फसल के लिए भी मौसम पर निर्भर...

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नहीं थम रहा ओडिसा में भुखमरी की मौतों का सिलसिला- एशियन ह्यूमन राइटस् कमीशन

प्रचलित मान्यता है कि अधिकारियों तक सूचना नहीं पहुंच पाती कि कौन सा व्यक्ति भुखमरी की चपेट में आने वाला है, इसलिए किसी व्यक्ति की भुखमरी से मौत हो जाती है। लेकिन जब प्रशासन को पहले से खबरदार किया जा चुका हो फिर भी किसी की भुखमरी से मौत हो तो क्या यह किसी की हत्या करने सरीखा नहीं माना जाएगा? एशियन ह्यूमन राईटस् कमीशन की एक हालिया रिपोर्ट से पता चलता है उड़ीसा में...

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सरकारी में है इतनी अधिक सुविधाएं, फिर भी प्राइवेट की है चांदी : हरी कुमार।

भोपाल। वर्तमान समय में भारतीय अभिभावकों की यह मानसिकता बन चुकी है कि पढ़ाई तो सिर्फ निजी स्कूलों में ही होती है, सरकारी स्कूल में बच्चों को भेजना, जैसे समय बर्बादी हो। इस मानसिकता का असर यह हो रहा है कि सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए सरकार द्वारा आजमाए जा रहे तमाम उपाय फेल हो रहे हैं। चाहे गरीब हों या अमीर, सभी अपने बच्चों को निजी स्कूलों में ही भेजना चाहते...

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