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संविधान में ‘राष्ट्रपिता’ की उपाधि की इजाजत नहीं: गृह मंत्रालय

नयी दिल्ली (एजेंसी) महात्मा गांधी को सरकार द्वारा ‘‘राष्ट्रपिता’’ की उपाधि नहीं दी जा सकती। क्योंकि संविधान में शैक्षणिक अथवा सैन्य उपाधियों के अलावा अन्य कोई उपाधि देने की इजाजत नहीं है। गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी। लखनऊ की एक छात्रा ऐश्वर्या पाराशर द्वारा सूचना के अधिकार के अंतर्गत मांगी गई जानकारी के जवाब में गृह मंत्रालय ने उसे बताया कि महात्मा गांधी को ‘‘राष्ट्रपिता’’ घोषित करने के बारे में राष्ट्रपति से की...

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कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न: नियामक संस्थाएं गठित करें समितियां: कोर्ट

नयी दिल्ली, 19 अक्तूबर (एजेंसी) उच्चतम न्यायालय ने 15 साल पुराने विशाखा प्रकरण में दी गयी व्यवस्था का दायरा बढ़ाते हुए बार काउन्सिल ऑफ इंडिया और भारतीय चिकित्सा परिषद जैसी सभी नियामक संस्थाओं को आज निर्देश दिया कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों से निबटने के लिए वे अपने यहां समितियां गठित करें। न्यायमूर्ति आर एम लोढा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने मेधा कोतवाल लेले की याचिका पर...

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अंगदान और सामाजिक पूर्वग्रह- सुभाष गताडे

जनसत्ता 20 अक्टुबर, 2012: दिल्ली के एक अग्रणी अस्पताल में पिछले दिनों एक अलग किस्म के सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। महज सत्रह साल की उम्र में दुर्घटना की शिकार हुई पायल (बदला हुआ नाम)- जिसे डॉक्टरों ने ब्रेन-डेड घोषित किया था उसके माता-पिता इस समारोह के केंद्र में थे, जिनके बेहद कठिन निर्णय से तीन लोगों की जिंदगी बची और दो लोगों की दृष्टि वापस लौटी। निश्चय ही उनके लिए...

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देश में बिक रहा 68 फीसद दूध मिलावटी- सरकार

जनसत्ता ब्यूरो नई दिल्ली, 21 अक्तूबर। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि देश में 68 फीसद से अधिक दूध खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के मानकों के अनुरूप नहीं हैं। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के स्वामी अच्युतानंद तीर्थ के नेतृत्व में प्रबुद्ध नागरिकों की एक जनहित याचिका के जवाब में दाखिल हलफनामे में अदालत को यह जानकारी दी। याचिका में सिंथेटिक और मिलावटी दूध व विभिन्न डेयरी उत्पादों...

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भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष का कठिन दौर-सुरेंद्र किशोर

जनसत्ता 22 अक्टुबर, 2012: भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर भी देश का लगभग पूरा राजनीतिक वर्ग आरोपितों का इन दिनों अतार्किक ढंग से बचाव करता नजर आ रहा है। कोई दल या नेता अपनी कमी या गलती मानने को आज तैयार नहीं है। सुधरने का तो कहीं से दूर-दूर तक कोई संकेत नहीं। इससे भी, भ्रष्टाचार की समस्या की गंभीरता का पता चलता है। देश के अधिकतर नेताओं के ताजा रुख...

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