रूरल वॉयस, 15 अप्रैल मार्च महीने में देश में 11.35 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ है। यह मार्च 2022 की तुलना में 8% अधिक है। इंडस्ट्री बॉडी सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के अनुसार पिछले साल मार्च में 10.51 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया गया था। अखाद्य तेलों के आयात में गिरावट आई है। यह 52,872 टन की तुलना में 36,693 टन रह गई। खाद्य और खाद्य दोनों तरह...
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मानसून सीजन की शुरूआत में ही अल-नीनो की बढ़ी संभावना, बारिश घटने की आशंका
रूरल वॉयस, 15 अप्रैल तीन दिन पहले 11 अप्रैल को भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा इस साल सामान्य मानसून का जो अनुमान जारी किया गया था, उसके गड़बड़ाने की आशंका बढ़ गई है। इसकी वजह मई से जुलाई के बीच अल-नीनो की संभावना बढ़कर 62 फीसदी होना है। अल-नीनो का भारत में मानसून की बारिश पर प्रतिकूल असर पड़ता है। वहीं जून-जुलाई-अगस्त में अल-नीनो की संभावना 75 फीसदी और जुलाई-सितंबर...
More »1901 के बाद फरवरी में पड़ी इतनी गर्मी, गेहूं, सरसों की पैदावार पर कितना असर?
इंडियास्पेंड, 17 मार्च उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 250 किलोमीटर दूर जिला भदोही के सुरियावां में रहने वाले किसान प्रमोद कुमार शुक्ला गेहूं की फसल देखकर परेशान हैं। उन्होंने इस साल 50 बीघा खेत (12.50 एकड़) में गेहूं लगाया है। लेकिन फसल की बदलती रंगत ने उनके चेहरे का रंग बदल दिया है। “कम से कम 35 साल से गेहूं की खेती कर रहा हूं। धान और गेहूं ही होता...
More »मनरेगा योजना से क्यों दूर हो रहे हैं मजदूर?
जनचौक, 8 फरवरी ग्रामीण विकास विभाग की अति महत्वाकांक्षी समझी जाने वाली योजना ‘महात्मा गांधी राष्टीय रोजगार गारंटी अधिनियम’ (मनरेगा) में आई कई विसंगतियों के कारण आज मजदूरों में इसके प्रति रुचि नहीं रह गई है। जिसके कारण मनरेगा की योजनाओं में काम करने वाले मजदूरों की संख्या घटती चली गयी है। पहले जहां झारखंड में प्रतिदिन 8 लाख मजदूर काम कर रहे थे, अब वह घटकर 3.5 लाख तक सिमट...
More »कितनी बड़ी समस्या बन गया है भारत में समुद्र में बढ़ता प्लास्टिक कचरा
द वायर, 6 फरवरी समुद्रों को माइक्रोप्लास्टिक का महासागर बनने से बचाने के लिए यथाशीघ्र उचित कदम उठाए जाने की आवश्यकता हैं। पृथ्वी पर जीवन एवं संवहनीयता के दृष्टिकोण से स्वच्छ समुद्र का होना अति आवश्यक है। पिछले कुछ दशकों में प्लास्टिक की मांग एक नाटकीय क्रम में तेजी से बढ़ी हैं। प्लास्टिक की मांग में तेजी होने के प्रमुख कारण - प्लास्टिक का हल्का, लचीलापन, लंबी अवधि तक टिके रहने...
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