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भारत में अंडे की कमी के चलते, कीट और पतंगे प्रोटीन और पोषण के लिए संभावित समाधान हो सकते हैं?

मोंगाबे हिंदी, 07 जुलाई भारत ने इस साल 17 जनवरी को जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया। यह एक ऐसा तथ्य है जिसे लेकर हम असमंजस में हैं कि इस पर हम जश्न मनाएं या चिंतित हों। संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या विभाजन द्वारा किए गए अनुमानों के अनुसार, भारत का चीन से आगे निकल जाना साल 2025 तक होने की उम्मीद थी, लेकिन भारत की जनसंख्या वृद्धि अनुमानों...

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खरीफ सीजन 2023: राजस्थान ने लगाया दो गुणा अधिक बाजरा, देश में धान का रकबा 26 प्रतिशत घटा

डाउन टू अर्थ, 3 जुलाई  मॉनसून के असमान वितरण और बिपरजॉय चक्रवात ने खरीफ की फसलों पर खासा असर डाला है। एक ओर जहां खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान के रकबे में 26 फीसदी कमी आई है, वहीं राजस्थान में बाजरे के रकबे में लगभग दोगुणा बढ़ोतरी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि राजस्थान में जून महीने में हुई 188 फीसदी अधिक बारिश ने किसानों को काफी फायदा पहुंचाया...

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अचानक बाढ़ और सूखे जैसे हालात से प्रभावित हो रही है असम की खेती

मोंगाबे हिंदी, 28 जून साल 2022 में असम में हुई रिकार्ड तोड़ बारिश के बाद आई बाढ़ पिछले एक दशक में राज्य में आई सबसे भयावह बाढ़ थी। इसके ठीक पहले असम के कुछ जिलों में सूखे जैसे हालत थे और किसानों की फसलों की बुवाई भी देरी से हो पा रही थी। एक साल बाद 2023 के मार्च महीने में प्री-मॉनसून के मौसम में असम में जरूरत से ज्यादा बारिश...

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असम में बाढ़ से स्थिति अब भी गंभीर, 4 लाख से अधिक लोग प्रभावित, हजारों हेक्टेयर फसल डूबी

 दिप्रिंट, 26 जून असम में बाढ़ से स्थिति भयावह हो गई है. असम के 15 जिलों के करीब 4 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, बजाली, बक्सा, बारपेटा, दरांग, धुबरी, डिब्रूगढ़, गोलपारा, गोलाघाट, जोरहाट, कामरूप, लखीमपुर, नागांव, नलबाड़ी और तामुलपुर जिलों में 37 राजस्व मंडलों के अंतर्गत 874 गांव बाढ़ से प्रभावित है. अकेले बारपेटा जिले में 1.70 लाख लोग प्रभावित हुए हैं,...

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वन संरक्षण क़ानून में बदलाव: सरकार को मिले 1,200 से अधिक सुझाव

कार्बनकॉपी, 16 जून इस साल मार्च में केंद्र सरकार वन संरक्षण कानून (फॉरेस्ट कंजरवेशन एक्ट) 1980 को संशोधित करने के लिए एक बिल संसद में लाई। मोटे तौर पर देखें तो इस क़ानून के ज़रिए सरकार कुछ तरह की ज़मीन को वर्तमान क़ानून में परिभाषित संरक्षित भूमि के दायरे से बाहर करना चाहती है। इसके साथ वहां पर किए जा सकने वाले कार्यों की सूची को बढ़ाना चाहती है। जैसे वन...

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