डाउन टू अर्थ, 18 अक्टूबर भारत सहित पूरी दुनिया के लगभग 80 प्रतिशत किसान धान की पराली जलाते हैं, जिससे गंभीर वायु प्रदूषण फैलता है। जो हर साल घनी आबादी और ज्यादा औद्योगिक घनत्व वाले भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मेंं अक्टूबर-नवंबर महीने मेंं हवा की गति कम होने और हिमालय से ठंडी हवा आने से बहुत ज्यादा गंभीर हो जाता है। इस वायु प्रदूषण समस्या के समाधान के लिए केन्द्र...
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हिमालय में ग्लेशियरों के घटने से विनाशकारी बाढ़ का खतरा बढ़ा
मोंगाबे हिंदी, 15 सितम्बर एक हालिया अध्ययन के अनुसार, हिमालय में बढ़ते तापमान और ग्लेशियरों के पिघलने के कारण जहां एक तरफ नई हिमनद झीलों का निर्माण हुआ है और वहीं दूसरी तरफ मौजूदा झीलों का भी विस्तार हुआ है, जिससे हिमनद झील विस्फोट बाढ़ यानी GLOF आने का खतरा बढ़ गया है। GLOF तब होता है जब हिमनदी झीलों का जल स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है और इससे बड़ी मात्रा...
More »दुनिया में हर दूसरा सबसे गरीब इंसान है एक बच्चा
डाउन टू अर्थ, 14 सितम्बर दुनिया में बेहद गरीबी यानी प्रतिदिन 2.15 डॉलर से भी कम पर अपना जीवन गुजारने वाली आबादी में बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। विश्व बैंक और यूनिसेफ द्वारा किए नए विश्लेषण से पता चला है कि दुनिया में अत्यंत गरीबी की मार झेल रहे लोगों में आधे से ज्यादा यानी 52.5 फीसदी बच्चे हैं। सीधे शब्दों में कहें तो अत्यधिक गरीबी में रहने वाला...
More »साल 2022 में जल, जमीन, जंगल बचाने में 177 पर्यावरण रक्षकों ने गंवाई अपनी जान
डाउन टू अर्थ, 13 सितम्बर 2022 में जल, जमीन, जंगल और पर्यावरण को बचाने की जद्दोजेहद में 177 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। मतलब की हर दूसरे दिन दुनिया के किसी न किसी हिस्से में कोई न कोई कार्यकर्ता, पर्यावरण को बचाने के लिए अपने जीवन की आहुति दे रहा है। 2012 से देखें तो अब तक 1910 लोगों की हत्या हो चुकी है। वहीं 2022 के दौरान एशिया में...
More »जम्मू के जिलों में बढ़ते तापमान से स्थानीय जनजातियों की आजीविका को खतरा
मोंगाबे हिंदी, 05 सितम्बर जम्मू यूनिवर्सिटी के भूगोल विभाग की एक रिसर्च टीम ने जलवायु परिवर्तन से पड़ने वाले प्रभाव के आधार पर जम्मू और कश्मीर में जम्मू प्रांत के 10 जिलों की रैंकिंग की। उन्होंने जम्मू प्रांत में बारिश और तापमान जैसे जलवायु परिवर्तन के जोखिम की सीमा का मूल्यांकन करने के लिए, श्रीनगर के भारत मौसम विज्ञान विभाग से मदद ली। टीम ने तीन दशकों में मौसम केंद्रों से...
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