दुनिया में बढ़ते शहरीकरण के मद््देनजर, इमारतों के निर्माण के लिए ‘फ्यूचर इज वर्टिकल' यानी भविष्य आसमान की ओर देखने में है, यह जुमला काफी समय से कहा-सुना जा रहा है। नगरों के नियोजन और रखरखाव से जुड़े योजनाकारों का मत है कि भारत को भी अब ऊंची इमारतों के निर्माण के जरिए आवास की जरूरतों को पूरा करना चाहिए। कई अन्य देशों की तरह भारत में भी यह चलन...
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विश्व आर्थिक मंचः महिला-पुरुष समानता सूचकांक में भारत को झटका, 21 पायदान फिसला
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के महिला पुरुष समानता सूचकांक में भारत 21 पायदान फिसलकर 108वें स्थान पर आ गया है। अर्थव्यवस्था और कम वेतन में महिलाओं की भागीदारी निचले स्तर पर रहने से भारत अपने पड़ोसी देशों चीन और बांग्लादेश से भी पीछे है। आपको बता दें कि डब्ल्यूईएफ ने सबसे पहले 2006 में इस तरह की सूची प्रकाशित की थी। उस समय के हिसाब से भी भारत 10 स्थान...
More »परदेस में शादी-- मनीषा सिंह
भारत समेत पूरी दुनिया में महिलाएं अच्छे जीवन की चाह में विदेशी जमीन पर बसे या काम कर रहे दूल्हे से शादी के बाद होने वाली धोखाधड़ी की घटनाओं से बुरी तरह त्रस्त रही हैं। ऐसे मामलों की व्यापक पड़ताल के लिए गठित गोयल समिति ने अप्रवासी भारतीय दूल्हों को ब्याही हिंदुस्तानी लड़कियों की तकलीफों का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट सरकार को दी है, जिसमें पत्नी के साथ ज्यादती करने...
More »क्या कामकाज की बाधादौड़ ही सशक्तीकरण है-- ऋतु सारस्वत
आमतौर पर हमारी यह सोच है कि विकसित देशों में महिलाओं को उनके कार्यस्थलों पर समानता का दर्जा प्राप्त है, पर यह मिथक भर है। विकसित देश हों या विकासशील, महिलाओं को लेकर कमोबेश सभी की सोच एक जैसी है। हाल ही में पोलैंड के एक सांसद ने वॉरसा यूरोपीय संसद में कहा कि ‘महिलाओं को पुरुषों से कम वेतन मिलना चाहिए, क्योंकि वे कमजोर होती हैं।' ब्रिटेन के बराबरी...
More »साकार हो रहा है स्वच्छता का सपना - वेंकैया नायडू
महाराष्ट्र के वाशिम जिले में साईखेड़ा गांव की रहने वाली संगीता अहवाले ने अपने घर में शौचालय बनवाने के लिए अपना मंगलसूत्र तक बेच दिया। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में स्थित कोटाभारी गांव की 104 वर्षीय वृद्ध कुंवर बाई ने घर में शौचालय के निर्माण के लिए अपनी बकरियां बेच दीं। कोलारस ब्लॉक के गोपालपुरा गांव की आदिवासी दुल्हन प्रियंका अपनी ससुराल में शौचालय नहीं होने के चलते मायके लौट...
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