मोंगाबे हिंदी, 16 नवम्बर मिस्र के शर्म-अल-शेख में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन – कॉप27 बीते एक सप्ताह से चल रहा है। बैठक की शुरुआत लॉस एंड डैमेज के मुद्दे के आधिकारिक एजेंडे में शामिल होने के उत्साह के हुई, लेकिन एक सप्ताह के भीतर यह उत्साह शांत हो रहा है। अब चिंताएं बढ़ रही हैं कि शिखर सम्मेलन से ज्यादा कुछ हासिल नहीं होगा। इन चिंताओं की वजह है विश्व...
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कॉप 27: 2022 के दौरान भारत के उत्सर्जन में हो सकती है 6 फीसदी की वृद्धि, चीन में आएगी गिरावट
डाउन टू अर्थ, 14 नवम्बर पिछले वर्ष की तुलना में इस साल वैश्विक उत्सर्जन में मामूली वृद्धि होने की आशंका है। वहीं सबसे ज्यादा वृद्धि भारत में देखने को मिल सकती है। यह जानकारी मिस्र के शर्म अल-शेख में जलवायु परिवर्तन पर चल रहे 27वें संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (कॉप 27) के दौरान जारी रिपोर्ट में सामने आई है। वहीं अमेरिका में उत्सर्जन में दूसरी सबसे बड़ी वृद्धि होने का अनुमान...
More »कॉप 27: दुनिया को 2040 तक शून्य फीसदी प्लास्टिक कचरे के लक्ष्य की है जरूरत
डाउन टू अर्थ, 11 नवम्बर प्लास्टिक उत्पादन और उसके बाद इससे होने वाला प्रदूषण जलवायु में बदलाव और जैव विविधता के नुकसान के लिए जिम्मेवार है। प्लास्टिक इस सप्ताह मिस्र में कॉप 27 में मुख्य चर्चा का विषय रहा। प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने के लिए अपनी आगामी वैश्विक संधि में संयुक्त राष्ट्र से 2040 तक एक साहसिक संकल्प करने और नए प्लास्टिक प्रदूषण को शून्य पर लाने का लक्ष्य निर्धारित करने...
More »कॉप 27: उत्सर्जन में कटौती के लिए नाकाफी है भारत का अपडेटेड एनडीसी: रिपोर्ट
डाउन टू अर्थ, 11 नवम्बर भारत द्वारा राष्ट्रीय निर्धारित योगदान यानी एनडीसी में जो अपडेट किए हैं वो केवल कागजी शेर हैं। बल्कि वो पिछली प्रतिबद्धता की तुलना में उत्सर्जन को कम करने के लिए कहीं ज्यादा नाकाफी हैं। यह जानकारी जलवायु परिवर्तन पर मिस्र के शर्म अल-शेख में चल रहे संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के 27वें सम्मेलन (कॉप 27) में जारी एक रिपोर्ट में सामने आई है। इस बारे में क्लाइमेट एक्शन...
More »कॉप-27: जलवायु परिवर्तन से बढ़ेंगी बीमारियां, हर साल 2.50 लाख अतिरिक्त मौतों के आसार
डाउन टू अर्थ, 10 नवम्बर कॉप 27 जलवायु वार्ता में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जलवायु संकट से लोग बीमार हो रहे हैं और यह जीवन को खतरे में डाल रहा है। इन महत्वपूर्ण वार्ताओं में स्वास्थ्य चर्चा के केंद्र में होना चाहिए। डब्ल्यूएचओ का मानना है कि सम्मेलन को जलवायु संकट से निपटने के लिए शमन, अनुकूलन, वित्तपोषण और सहयोग के चार प्रमुख लक्ष्यों के...
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