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गुलाबी सुंडी के कारण आत्महत्या के कगार पर पहुंचे किसान, बीटी कपास को भी भारी नुकसान!

11 दिसम्बर, गाँव सवेरा राजस्थान में श्री गंगानगर जिले के 23 एमएल गांव के 40 वर्षीय शमशेर सिंह की दिनचर्या 25 सितंबर 2023 को आम दिनों की तरह ही थी। उन्होंने दोपहर 3.30 बजे सब्जी रोटी खाई, फिर एक झपकी ली। उसके बाद उठकर चाय पी। इस वक्त तक उनकी पत्नी जसविंदर कौर, उनके 17 वर्षीय बेटा जसविंदर और 11 व 14 साल की बेटियों जसप्रीत और पुष्पा कौर ने उनके...

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पंजाब: कपास की फसल का कम दाम मिलने के कारण खेती छोड़ने पर मजबूर हुए किसान!

 गाँव सवेरा, 4 दिसम्बर कपास की फसल का कम दाम मिलने का कारण कपास किसान राज्य में अगले साल फसल की खेती छोड़ने पर विचार कर रहे हैं. कपास की फसल का रकबा तेजी से घट रहा है और किसानों का कहना है कि कपास की खेती अब घाटे का सौदा साबित हो रही है. बाजार में किसानों को कपास की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम मिल रही है....

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खेती पर आपदाओं की गाज से किसानों पर सालाना पड़ रही है 10.2 लाख करोड़ रुपए की मार

डाउन टू अर्थ, 01 दिसम्बर  खेती-किसानी आसान नहीं और ऐसे में जब साल दर साल आपदाओं का जोखिम बढ़ रहा है तो इसे करना महंगा सौदा बनता जा रहा है। खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इन आपदाएं के चलते दुनिया भर के किसानों पर हर साल 10.2 लाख करोड़ रुपए (12,300 करोड़ डॉलर) से ज्यादा की मार पड़ रही है। जो वैश्विक स्तर पर कृषि क्षेत्र...

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झारखंड: पहले जंगल उजाड़ा, फ‍िर उसे बसाने की पहल, लेकिन क‍िस कीमत पर?

इंडियास्पेंड, 29 नवम्बर रामगढ़ और हज़ारीबाग़, झारखंड: रामगढ़ के जित्रा टुंगरी गांव के पास जंगल में पहली बार में तो घूमना आसान लगता है। लेकिन जल्‍द ही घुटनों तक ऊंची घास और झाड़ियों के बीच बनी टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडियां राह गठ‍िन कर देती हैं। कभी-कभी सांप और गड्ढों से बचना पड़ता है। कोयना खदानों के धंसने के कारण जमीन में बड़ी खाइयां हो जाती हैं। लेकिन स्थानीय लोग इससे और अन्य सभी खतरों...

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झारखंड: पहले जंगल उजाड़ा, फ‍िर उसे बसाने की पहल, लेकिन क‍िस कीमत पर?

इंडियास्पेंड, 24 नवम्बर  रामगढ़ के जित्रा टुंगरी गांव के पास जंगल में पहली बार में तो घूमना आसान लगता है। लेकिन जल्‍द ही घुटनों तक ऊंची घास और झाड़ियों के बीच बनी टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडियां राह गठ‍िन कर देती हैं। कभी-कभी सांप और गड्ढों से बचना पड़ता है। कोयना खदानों के धंसने के कारण जमीन में बड़ी खाइयां हो जाती हैं। लेकिन स्थानीय लोग इससे और अन्य सभी खतरों से बचने में कामयाब...

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