विश्व बाजार में चीनी की कीमतों में आए सुधार से निर्यात में बढ़ोतरी के बावजूद भी उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर किसानों का बकाया लगातार बढ़ रहा है। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन के पहले चार महीनों में ही बकाया बढ़कर 5,896 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है जबकि राज्य के किसानों का पिछले पेराई सीजन का भी अभी तक 996 करोड़ रुपये चीनी मिलों...
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धरती कथा: डायरेक्ट की इनडायरेक्ट मुश्किलें
-आउटलुक हिंदी “खाद्य महंगाई दर दहाई अंकों में चली गई है। उपभोक्ता हित के लिए घरेलू किसानों की कीमत पर सस्ते आयात का रास्ता फिर खोला जा सकता है” डायरेक्ट यानी प्रत्यक्ष का रास्ता कई इनडायरेक्ट यानी अप्रत्यक्ष दिक्कतें लेकर आता है। यह बात कृषि क्षेत्र और किसानों के मामले में काफी हद तक लागू होती है। मसलन, सरकार को पता है कि दूध, गन्ना, आलू और प्याज जैसी फसल उगाने वाले...
More »खेतों में खड़े गन्ने की कटाई के इंतजार में किसान
मुज्फ्फरपुर के हिराली गांव के किसान सुरेश चौधरी बताते हैं, हमने 12 बीघे में इस बार गन्ना लगाया है. फसल पूरी तरह तैयार है. एक महीने पहले ही हमने चीनी मिल से गन्ना बेचने के लिए पर्ची की अर्जी लगाई. लेकिन अब तक पर्ची नहीं मिली. शामली, मुजफ्फनगर की हरेक मिल में कोशिश कर चुके हैं. लेकिन अब तक पर्ची नहीं मिली. इस बीच में गन्ना खेतों में गिरने से...
More »खेतों में खड़ा है गन्ना तो किसान कैसे करें गेहूं की बुआई?
उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान केवल लेट भुगतान की समस्या से ही त्रस्त नहीं हैं, बल्कि गन्ना मिल संचालकों एवं उनके कर्मचारियों की मनमानी से भी परेशान हैं। प्रदेश के कई जिलों में गन्ना किसानों को समय से पर्ची न मिलने की वजह से किसान गेहूं की बुआई नहीं कर पा रहे हैं। प्रदेश के बस्ती, गोंडा, सिद्धार्थनगर, सुल्तानपुर सहित कई जिलों में किसानों के साथ इस तरह की दिक्कत...
More »चीनी मिलों के ‘अच्छे दिन’
“गन्ना मूल्य स्थिर रखकर किसान की आय दोगुनी करने के फॉमूले के लिए तो शायद किसी नोबेल अर्थशास्त्री को ही तलाशना होगा” साल 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार और तब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारा दिया था- अच्छे दिन आने वाले हैं। उनकी सरकार बनी भी और अब मोदी का प्रधानमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल चल रहा है। इस बीच अच्छे दिन...
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