-न्यूजलॉन्ड्री, न्याय की पूरी प्रक्रिया से गुजरे बिना, केवल पुलिस द्वारा होने वाले एनकाउंटर, गैर-न्यायिक या न्यायेतर हत्याएं कही जाती हैं. भारत में एनकाउंटर कोई हाल के वर्षों की घटनाएं नहीं हैं. पुलिस फायरिंग या अदालत ले जाते समय या किसी और परिस्थिति में पुलिस के हाथों ऐसी हत्याएं होती रही हैं. जिन्हें बाद में एनकाउंटर कहा गया. हालांकि पहले पुलिस फायरिंग से होने वाली ज्यादातर मौतें “अशांत” या संघर्षरत, मसलन...
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जो थैंक्यू कहना रह गया है मोदी जी..
-न्यूजलॉन्ड्री, मेरे वैक्सीन सर्टिफिकेट में आपकी तस्वीर टंकी हुई है. बहुत सारी बातों के लिए आप खुद ही अपने विज्ञापनों में अपना धन्यवाद करवाते रहे हैं. अब तो आपके मंत्री भी अपनी जगह आप ही का फोटो छापने लगे हैं. शायद धन्य महसूस करते भी होंगे. आपके जाने के बाद जो भी नेता आपकी पार्टी और विचारधारा को मिलेगा, वह शायद ही इतना सौभाग्यशाली हो. कौन सोच सकता है कि भारत...
More »आर्यन -वानखेड़े प्रकरण के बाद IPS-IRS-IAS खुद से सवाल पूछें कि अपनी शपथ को लेकर वो कितने ईमानदार हैं
-द प्रिंट, जब तक आप यह लेख पढ़ रहे होंगे, आर्यन खान शायद जेल से बाहर निकल रहे होंगे- बेशक 25 दिन की देरी से. इस मामले के बारे में अब तक हम जो कुछ जान पाए हैं वे यही बताते हैं कि उनकी गिरफ्तारी, उन्हें जेल में रखना और उन पर एक कठोर कानून के तहत मामला दायर करना कतई जायज नहीं था. उनके कड़वे प्रकरण ने समीर दाऊद/ज्ञानदेव वानखेड़े...
More »सिद्दीकी कप्पन केस: क्या कहता है एक साल से जेल में बंद कैब ड्राइवर आलम का परिवार
-न्यूजलॉन्ड्री, "हमारी शादी को हुए अभी पूरे दो साल भी नहीं बीते हैं, ये मेरी ज़िंदगी के बहुत खुशगवार लम्हें थे लेकिन उनके जेल जाने के बाद से ज़िंदगी बहुत मुश्किल हो गई है, हर दिन इस आस में रहती हूं कि वे अगली सुनवाई पर रिहा हो जाएंगे, लेकिन नाउम्मीद होकर घर लौट आती हूं. आलम एक ऐसी सजा भुगत रहे हैं जिसकी कोई वजह ही नहीं है" ये शब्द उत्तर...
More »लखीमपुर खीरी हिंसा: दहशत और बाहुबल पर खड़ा महाराज अजय मिश्र टेनी का किला
-न्यूजलॉन्ड्री, लखीमपुर खीरी के बनवीरपुर में महिषादेवी सरस्वती माध्यमिक विद्यालय नाम का एक स्कूल है. जिसमें आसपास के इलाकों जैसे निघासन, बनवीरपुर और तिकुनिया से कई बच्चे पढ़ने आते हैं. यह स्कूल गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी का है. यहां कक्षा छह में पढ़ने वाली पायल बताती हैं, "मेरी कक्षा में चार सरदार बच्चे पढ़ते हैं. कुछ दिनों से वो पढ़ने नहीं आ रहे हैं," इससे साफ पता चलता है कि लखीमपुर...
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