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अर्थव्यवस्था की आगे की राह-- अरविन्द कुमार सिंह

कृषि और विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र में खराब प्रदर्शन के कारण चालू वित्तवर्ष में विकास दर की रफ्तार साढ़े छह प्रतिशत पर थमने की आशंका एक बार फिर बढ़ गई है। यह अनुमान केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने जताया है जिसके मुताबिक प्रतिव्यक्ति आय बढ़ने की गति अत्यंत धीमी है और साथ ही विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर घट कर छह साल के न्यूनतम स्तर (4.6 प्रतिशत) पर आ गई है।...

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नीति आयोग का दृष्टिपत्र-- प्रसेनजित बोस

आधिकारिक आकलनों के अनुसार, 2014-15, 2015-16 और 2016-17 में सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) में भारतीय अर्थव्यवस्था की वार्षिक वृद्धि दर क्रमशः 7.2, 7.9 और 7.1 फीसदी रही है. हाल के दिनों में चीनी अर्थव्यवस्था में मंदी के मद्देनजर भारत की मौजूदा सरकार के अंतर्गत देश को 'दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था' माना गया है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की एक बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने...

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नौकरशाही पर पहरेदारी का प्रश्न - हृदयनारायण दीक्षित

भ्रष्टाचार से मुक्ति भारत की राष्ट्रीय अभिलाषा है। इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी के 'न खाऊंगा और न खाने दूंगा वाले बयान की अक्सर मिसाल दी जाती है। मोदी के तीन साल के कार्यकाल में केंद्र सरकार के स्तर पर भ्रष्टाचार का कोई मामला सामने नहीं आया, मगर इस बीच प्रशासन से जुड़े तमाम बड़े नाम भ्रष्टाचार की जद में फंसते नजर आए। सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा पर...

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थोक महंगाई बढ़कर 3.39 प्रतिशत, खाद्य कीमतें हुई कम

थोक मुद्रास्फीति में तीन महीने का गिरने का सिलसिला दिसंबर 2016 में टूट गया और यह बढ़कर 3.39 प्रतिशत हो गई। इसमें बढ़ोतरी की खास वजह विनिर्माण सामानों के दाम बढ़ना है जबकि खाद्यों की कीमत कम हुई। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति नवंबर के 3.15 प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर 3.39 प्रतिशत रही है। दिसंबर 2015 में यह शून्य से 1.06 प्रतिशत नीचे थी। दिसंबर में सब्जियों के थोक दाम...

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नोटबंदी से नायाब तरीके से निपट रहा है ये गांव

भारत में नोटबंदी के बाद से आम लोगों को काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में पश्चिम बंगाल के बृंदाबनपुर गांव के लोगों ने मुश्किलों से निपटने का आसान और बेहद पुराना तरीका निकाला है. भारत की अर्थव्यवस्था में 500 और 1000 रुपए के नोट का इस्तेमाल बंद होने से पहले, ये बाज़ार में कुल मुद्रा का 86 फ़ीसदी थे. इनके बाज़ार से बाहर होने के बाद रिज़र्व बैंक...

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