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साकार हो रहा है स्वच्छता का सपना - वेंकैया नायडू

महाराष्ट्र के वाशिम जिले में साईखेड़ा गांव की रहने वाली संगीता अहवाले ने अपने घर में शौचालय बनवाने के लिए अपना मंगलसूत्र तक बेच दिया। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में स्थित कोटाभारी गांव की 104 वर्षीय वृद्ध कुंवर बाई ने घर में शौचालय के निर्माण के लिए अपनी बकरियां बेच दीं। कोलारस ब्लॉक के गोपालपुरा गांव की आदिवासी दुल्हन प्रियंका अपनी ससुराल में शौचालय नहीं होने के चलते मायके लौट...

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भूख से मौत मामला : बुजुर्ग को आठ महीने से नहीं मिली थी पेंशन

महासमुंद। पिथौरा ब्लॉक के जगदीशपुर पंचायत के झारपारा निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग रघुमणि हियाल की मौत भूख से मौत के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के जांच दल ने शासन और सरकार को जिम्मेदार माना है। जांच दल के मुताबिक वृद्ध रघुमणि को पिछले आठ महीने से पेंशन नहीं मिली थी। केवल 14 किलो चावल मिल रहा था। खाली चावल कैसे खाता, सब्जी दाल के लिए कुछ चावल भी बेचता लेकिन...

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दिल्ली के दुश्मन डेंगू को सबका साथ-- हरिकिशन शर्मा

कोरबा। नईदुनिया न्यूज ग्राम पंचायतों को ग्राम विकास के लिए जारी शासकीय मद का किस तरह से दुरूपयोग किया गया है, इसका अनुमान वसूली सूची देखकर लगाया जा सकता है। कोरबा के 20 व करतला विकासखंड के 8 ग्राम पंचायतों के सरपंच-सचिवों पर 42 लाख का बकाया है। जिम्मेदार अधिकारी विकास कार्य के निरीक्षण में कितने सजग हैं, इस बात की पोल खुल गई है। जिन लोगों से राशि वसूल की...

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सड़े आलू से बन रही थी 200 से ज्यादा स्कूलों के बच्चों के‍ लिए सब्जी

अंबिकापुर। लालमाटी स्थित केंद्रीय कृत रसोई में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। शहर और आस-पास के 200 से ज्यादा स्कूलों के बच्चों के मध्यान्ह भोजन के लिए सड़े आलू से सब्जी बनाई जा रही थी। जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता ने सुबह 6:45 बजे जब रसोई का निरीक्षण किया तो वहां सड़े आलू से सब्जी बनती मिली। अगर यह सब्जी स्कूलों में बट जाती तो बच्चों की सेहत पर बुरा...

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सात दशक के बाद-- रघु ठाकुर

स्वतंत्रता और स्वाधीनता का क्या अर्थ है? स्वतंत्रता एक व्यवस्थागत आजादी का बोध कराती है। मसलन, स्वतंत्र यानी हमारे देश का अपना प्रशासन, अपनी शासन-प्रशासन प्रणाली। पर स्वाधीनता उससे कुछ ज्यादा व्यापक अर्थ देती है, जिसमें किसी भी प्रकार की अधीनता न हो। एक देश के रूप में हम अपने ही अधीन हों- एक नागरिक के रूप में, हम अपनी अंतरात्मा के अधीन हैं। अब प्रश्न यह है कि आज...

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