-डाउन टू अर्थ, दुनिया भर में हर साल करीब 5,000 करोड़ टन रेत और बजरी नदियों, झीलों आदि से निकाली जा रही है। देखा जाए तो यह दुनिया में सबसे ज्यादा खनन की जाने वाली सामग्री है। आज जमाव से कहीं ज्यादा तेजी से इनका अंधाधुंध खनन हो रहा है, नतीजन यह अनेक पर्यावरण, स्वास्थ्य और सामाजिक समस्याओं को जन्म दे रहा है। हाल ही में इसपर मैकगिल और कोपेनहेगन विश्वविद्यालय द्वारा...
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50 फीसदी बढ़ सकती हैं पानी में डूब कर मरने की घटनायें
-न्यूजलॉन्ड्री, क्या जलवायु परिवर्तन से प्रेरित एक्स्ट्रीम वेदर दुनिया में डूब कर होने वाली मौतों या घायल होने (ड्राउनिंग) की घटनाओं को बढ़ा रहा है. इस बात को पूरी तरह साबित करने के लिये अभी पुख्ता डाटा बेस उपलब्ध नहीं है लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि तार्किक आधार पर सोचा जाये तो इस ख़तरे से इनकार नहीं किया जा सकता. उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने अपनी एक रिपोर्ट में...
More »गलवन टकराव वर्षगांठ: गफलतों से सीखने का वक्त
-आउटलुक, “गलवन घाटी में हुई गफलतों के सबक अल्पकालिक राजनैतिक फायदे की खातिर दफन करना मुनासिब नहीं” लद्दाख में जून 2020 में विवादास्पद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की सैन्य कार्रवाइयों से भारत ‘हैरान’ रह गया था। दोनों तरफ जवानों को जान गंवानी पड़ी। दोनों देशों के पहले से तनावपूर्ण रिश्ते और खराब हो गए और सैन्य टकराव के काले बादल घुमड़ने लगे। उस घटना के साल भर बाद भी रणनीतिक...
More »विश्व मे पानी के लिये 265 लड़ाइयां हुई
-वाटर पोर्टल, जिसके बिना प्रत्येक जीव का जीवित रह पाना असंभव है, पृथ्वी पर पाए जाने वाला एक महत्वपूर्ण संसाधन है. जल, जल को अंग्रेजी भाषा में वाटर और भारतीय आम भाषा में पानी कहकर संबोधित करते हैं. जल दो तत्वों, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से मिल कर बना है.जी हां दोस्तों, आज का हमारा लेख पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी जीवित प्राणियों के जीवन में अहम स्थान रखने वाले संसाधन...
More »प्रदूषण से न नदियां बचीं और न भूजल
-डाउन टू अर्थ, हमारे अहम सतही जलस्रोतों का 90 प्रतिशत हिस्सा अब इस्तेमाल करने के लायक नहीं बचा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और अलग अलग राज्यों की प्रदूषण निगरानी एजेंसियों के हालिया विश्लेषण ने इसकी पुष्टि की है। साल 2015 में वाटर ऐड की एक रिपोर्ट जारी हुई थी, जो शहरी विकास मंत्रालय, जनगणना 2011 और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों पर आधारित थी। इस रिपोर्ट में कहा...
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