बालेश्वर । स्थानीय फांडी चौराहे पर खुला मंच के जरिए बिड़ला टायर्स में कार्यरत श्रमिकों के समर्थन में जिला के राजनेताओं, बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों का एक विशाल समूह खुलकर सामने आया है, जिसके चलते अब इस टायर उद्योग में श्रमिक अशांति का माममला गर्माने लगा है। समय रहते यदि इसका निपटारा नहीं किया गया तो यह सुलगती चिनगारी किसी भी समय आग में बदल सकती है। जानकारी के अनुसार करीब 5 घंटा से ज्यादा समय तक...
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ये बेहाल सूरतें लेकिन गहरी नींद में है समाज
छपरा [कृष्णकांत]। 'खिलौना जान कर तुम तो मेरा दिल तोड़ जाते हो..।' बहुत दुश्मन दौर के गहरे धंसी टीस का बेतरतीब बयान है यह गीत- फिल्म 'खिलौना' का। गाना मशहूर अभिनेता स्व. संजीव कुमार पर फिल्माया गया था-जो अब रीयल लाइफ में भी कई ऐसे लोगों पर घट रहा है, जिनकी रातें बेचैनियों में कटीं। वे सुखिया नहीं है कि खाते और सोते। दुखिया है इसलिए कि जाग गये, जान गये। अब रो-रो कर असहज...
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खास बात • साल 2014 में बुजुर्गों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार की घटनाओं में तेज इजाफा हुआ। पिछले (साल के 23 प्रतिशत से बढ़कर 2014 में 50 प्रतिशत) * • भारत की आबादी का 1.14 प्रतिशत हिस्सा यानी तकरीबन 1 करोड़ 40 लाख लोग गुलामी के आधुनिक रुपों के शिकार हैं। ** • साल २००६ में भारत में १४२३ कैदियों की प्राकृतिक अथवा अप्राकृतिक कारणों से जेलों में मौत हुई।*** • उत्तरप्रदेश में...
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