पच्चीस वर्ष पूर्व इन्हीं दिनों वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा बजट प्रस्तुत कर आर्थिक सुधारों को प्रारंभ किया गया था. इन सुधारों का एक प्रमुख आयाम दुनिया के देशों के बीच खुला व्यापार था. 1995 में हमने डब्ल्यूटीओ संधि पर हस्ताक्षर किये थे. इस संधि के अंर्तगत हमने स्वीकार किया था कि निर्धारित सीमा से अधिक आयात कर आरोपित नहीं किये जायेंगे. इससे विश्व व्यापार को गति मिली. लेकिन कई...
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'ब्रेक्जिट' पर जनमत, यदि हां तो चपेट में पूरी दुनिया
23 जून का दिन ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन के इतिहास में बड़ा दिन होगा। 2008 की मंदी के बाद वित्तीय जगत में ये दूसरी बड़ी घटना है जिसकी सभी दूर चर्चा हो रही है। इस दिन ब्रिटेन में यूरोपियन यूनियन से अलग होने या उसमें रहने पर जनमत होगा। इसे ही ब्रिक्जिट कहा जा रहा है। अग्रेंजी में इसका मतलब ब्रिटेन एक्जिट (बाहर होना)। ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने...
More »उत्पादन में रोबोट का बढ़ रहा है दखल, जॉब्स पर असर..
उत्पादन की प्रक्रियाओं में रोबोट के बढ़ते दखल से दुनियाभर में जॉब्स को लेकर चिंता बढ़ रही है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन भी पिछले दिनों इस संबंध में चिंता जता चुके हैं. अनेक वैश्विक संस्थाएं लगातार इसका अध्ययन कर रही हैं और उनकी रिपोर्ट बताती है कि वाकई में भविष्य में अनेक प्रकार के इनसानी जॉब्स पर रोबोट के हावी होने का खतरा बढ़ रहा है....
More »पश्चिम की गलतियों से सीखें-- एम के वेणु
थॉमस पिकेटी ('21वीं सदी में पूंजी' के लेखक) ने अपने हालिया भारत दौरे में यहां के कुलीन वर्ग को कुछ कठोर संदेश दिए हैं। गौरतलब है कि यह संदेश उस समय आया है, जब भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिर है और ग्रामीण आय में वृद्धि संभवतः वास्तविक रूप से नकारात्मक है। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत के सत्तारूढ़ अभिजात वर्ग को यह ढोंग बंद करना चाहिए कि वह आय और संपत्ति का...
More »वास्तविक विकास तो त्रिपुरा में हुआ है- सुभाषिनी अली सहगल
पिछले महीनों में कई बार देश के सबसे छोटे और गरीब राज्य त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार के बारे में प्रसार माध्यमों द्वारा प्रशंसा की गई। हाल में उनकी पत्नी पांचाली की सादगी को लेकर भी, जो एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हैं और अब ट्रेड यूनियन में काम कर रही हैं, लेख प्रकाशित हुए हैं। कम्युनिस्ट नेताओं की कड़ी आलोचना अधिक छपती है। यह आलोचना ज्यादातर इस बात को लेकर...
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