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हिंदुओं को आँकड़ों में बदलने का षड्यंत्र क्या है? क्यों है?

-सत्यहिंदी,  हिंदुओं को आँकड़ों में बदल कर या उन्हें मात्र एक जनसंख्यात्मक समूह की इकाई में शेष करके उन्हें व्यक्ति के तौर पर किसी अधिकार की इच्छा से वंचित किया जा रहा है। जब कोई मुख्यमंत्री कहता है कि आँकड़ों का खेल न खेलें, इससे मुर्दा ज़िंदा नहीं हो जाएँगे तो वह क्या कहना चाहता है? क्यों मारे जा रहे लोग गिनती में नहीं लिए जा रहे हैं? आप मुझे किसी...

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मई दिवस- मोदी सरकार ने कैसे भारत को एक भयानक संकट के बीच लाकर खड़ा कर दिया

-द प्रिंट, 1 मई को प्रकाशित इस स्तंभ का शीर्षक बिल्कुल संयोग से ऐसा बन गया है. यहां शब्दों का कोई खेल करने का इरादा नहीं है. बदकिस्मती से भारत आज जिस संकट में फंस गया है उसका बयान इसी तरह किया जा सकता है. वह ऑक्सीजन से लेकर एन-95 मास्क तक और ऑक्सीमीटर से लेकर वैक्सीन तक तमाम चीजों के लिए बड़े देशों से मदद मांग रहा है. और ये...

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रिपोर्टर डायरी: मौत की टाइमलाइन- मिनट दर मिनट उखड़ती रहीं सांसें और सोता रहा हमारा सिस्टम

-गांव कनेक्शन, लखनऊ के 65 वर्षीय विनय श्रीवास्तव ट्वीटर पर अपनी थमती सांसों के बारे में मिनट दर मिनट जानकारी देते रहे, मदद की गुहार लगाते रहे, लेकिन हमारा सरकारी सिस्टम उनसे बार-बार पूरी जानकारी मांगता रहा। लेकिन उन्हें इलाज नहीं मिल सका, अस्पताल में बेड नहीं मिल सका और जानकारी मांगने का सिलसिला उनकी सांसों के साथ थम गया। वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार विनय श्रीवास्तव बार-बार गिरते ऑक्सीजन लेवल की जानकारी...

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स्कैनिया बस विवाद : नितिन गडकरी के प्लॉट में खड़ी थी बस, फिर क्यों कहते हैं कि कोई लेना-देना नहीं

-द कारवां, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पर हाल में अवैध रूप से जमीन हासिल करने और बड़ा कर्ज लेने के लिए उसे गिरवी रखने का आरोप लगा है. 10 मार्च 2021 को स्वीडन के समाचार चैनल एसवीटी ने खबर दी कि स्वीडन की कमर्शियल-व्हीकल्स (वाणिज्यिक वाहन) निर्माण कंपनी स्कैनिया ने दिसंबर 2016 में गडकरी की बेटी की शादी में "गहरे लाल रंग की चमड़े की सीट वाली" एक लक्जरी...

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उर्वरकों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी पर इफको की भयंकर लीपापोती

-असली भारत, ऐसे समय जब देश में किसान आंदोलन चल रहा है, पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं, तब खेती से जुड़ी एक खबर ने किसानों की नाराजगी बढ़ा दी है। उर्वरक बनाने वाले देश के सबसे बड़े संगठन इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने डीएपी समेत कई उर्वरकों के दाम 45 फीसदी से लेकर 58 फीसदी तक बढ़ा दिये हैं।...

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