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किसानों को उचित दाम दीजिए- भरत झुनझुनवाला

किसानों की समस्याओं के प्रति सरकार संवेदनशील दिखती है, पर मात्र संवेदनशीलता से बात नहीं बनती है. पाॅलिसी की दिशा भी सही होनी चाहिए. मात्र उत्पादन बढ़ाने से किसान का उद्धार नहीं होगा. साठ के दशक में पूर्वी उत्तर प्रदेश में खेत परती पड़े रहते थे. सिंचाई रहट और ढेकली से होती थी. आज पूरे क्षेत्र में ट्यूबवेल का जाल बिछ गया है. बैल के स्थान पर ट्रैक्टर से खेती हो...

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डब्ल्यूटीओ की बैठक शुरू, विकासशील देशों के लिए कृषि महत्वपूर्ण मुद्दा

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बैठक मंगलवार को नैरोबी में शुरू हुई। केन्या जैसे सदस्य देशों ने लंबे समय से लंबित दोहा दौर के कृषि जैसे महत्वपूर्ण मसलों के समाधान पर जोर दिया। भारत भी लगातार दोहा दौर के लंबित मुद्दों मसलन विकासशील देशों को विशेष सुरक्षा तंत्र (एसएसएम) पर जोर देता रहा है जिससे वे अपने गरीब किसानों के हितों का संरक्षण कर सकें। मीडिया को संबोधित करते हुए 10वें...

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रोजगार सृजन की नीति- डा भरत झुनझुनवाला

वित्त मंत्रालय द्वारा प्रकाशित इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार, वर्ष 2009 से 2012 में प्रति वर्ष संगठित क्षेत्र में मात्र 5 लाख रोजगार का सृजन हुआ है. हमारे श्रम बाजार में प्रति वर्ष एक करोड़ युवा प्रवेश कर रहे हैं, पुराना बैकलॉग कम से कम 6 करोड़ का है.  क्या कारण है कि हम केवल 5 लाख रोजगार प्रति वर्ष सृजित कर रहे हैं? कारण है कि कंपनियों द्वारा मशीनों का...

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कंपनी बड़ी या देश-- अरविन्द कुमार सेन

नोबेल पुरस्कार विजेता पॉल क्रुगमैन ने दो दशक पहले शोध पत्रिका हॉवर्ड बिजनेस रिव्यू में ‘देश एक कंपनी नहीं है' शीर्षक से शोध-पत्र लिखा था। यह शोध-पत्र उस दौर में प्रकाशित हुआ था, जब भुगतान संतुलन की बीमारी से दो-चार हो रही भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं पर विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक संगठन की अगुआई में नवउदारवादी नीतियां थोपी जा रही थीं। हर तरफ आर्थिक सुधारों की मार्फत अर्थव्यवस्था को...

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विकास की मशीनरी में कई पुर्जे ढीले - नंटू बनर्जी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात को भलीभांति समझते हैं कि अगर भारत को आठ से नौ फीसद की उच्च आर्थिक विकास दर अर्जित करना है तो यह केवल निर्माण क्षेत्र में सुधार के जरिए ही किया जा सकता है। आखिर गरीबी और युवाओं में बेरोजगारी की समस्याओं का निदान किए बिना कोई भी देश आगे नहीं बढ़ सकता। वर्ष 2012 के बाद से भारत की विशेष तौर पर जैसी धीमी...

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