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कोविड-19 लॉकडाउन : गुजरात में प्रवासी मज़दूरों पर दर्ज मामले ‘मानव अधिकारों का उल्लंघन हैं’

-न्यूजक्लिक, 18 मई को, गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में 35 प्रवासी श्रमिकों को कथित तौर पर दंगा, पथराव और बर्बरता का तांडव करने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था। करीब 100 प्रवासी मज़दूर लॉकडाउन में घर वापस भेजने के इंतजाम की मांग करते हुए पुलिस से भिड़ गए थे। उनमें से पैंतीस मज़दूरों को महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए हिरासत में ले लिया...

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दिल्लीः दंगे के बाद पहली बार तबाह लोगों ने खुलकर सुनायी आपबीती, दहलाने वाली गवाहियां

-मीडियाविजिल, हाजी अजमेरी मलिक कुछ सप्ताह पहले तक जूते के शो रूम के मालिक हुआ करते थे. नार्थ-ईस्ट दिल्ली के बृजपुरी इलाके के बाजार में वो इकलौते मुस्लिम व्यापारी हुआ करते थे. जब वे शो रूम के लिए जमीन खरीद रहे थे तब कई लोगों ने उन्हें सलाह दी कि वे हिंदुओं के इलाके में जमीन न लें. हाजी अजमेरी मलिक का जवाब होता कि उन्हें मुसलमानों से ज्यादा भरोसा अपने...

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आधा भारत आया मार्च की बारिश के चपेट में, 57 फीसदी अधिक हुई बारिश, आगे भी बना है खतरा

-गांव कनेक्शन, जिस फसल को देखकर किसान के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं, उसी फसल को हाथ में लेकर 70 साल के बुजुर्ग किसान अच्छे लाल फफक रहे थे। कई हजार रुपए की लागत और कड़ाके की सर्दी में छुट्टा पशुओं से बचाकर लगभग तैयार हो गई उनकी तीन एकड़ चने की फसल 14 मार्च को भारी बारिश और हवा से बर्बाद हो गई थी। "पूरी फसल बर्बाद हो गई, इससे अब...

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अरुधंति रॉय: क्षितिज पर मदद का कोई निशान नज़र नहीं आता

प्यारे दोस्तो, साथियों, लेखको और फ़नकारो! यह जगह जहां हम आज इकठ्ठा हुए है, उस जगह से कुछ ज़्यादा फ़ासले पर नहीं है जहां चार दिन पहले एक फ़ासिस्ट भीड़ ने— जिसमें सत्ताधारी पार्टी के नेताओं से भाषणों की आग भड़क रही थी, जिसको पुलिस की सक्रिय हिमायत और मदद हासिल थी, जिसे रात-दिन इलेक्ट्रॉनिक मास-मीडिया के बड़े हिस्से का सहयोग प्राप्त था, और जो पूरी तरह आश्वस्त थी कि अदालतें...

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दिल्ली दंगा: ‘शांति तो है लेकिन मुर्दा शांति है’

शुक्रवार दोपहर के 12 बज रहे हैं. खजूरी खास चौराहे के सामने कुछ अर्धसैनिक बल के जवान सुरक्षा में मुस्तैद खड़े हैं. बगल में उस मज़ार के अंदर सफाई हो रही है जिसे पिछले दिनों हुए दंगे में दंगाइयों ने जला दिया था. मज़ार के अंदर चल रही सफाई को टूटे दरवाजे से देखते हुए एक शख्स हमारी तरफ घूमकर कहता है, 'ये तो सबकी मनोकामना पूरी करते थे. इनके...

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