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और बढ़ेगी अमीरी-गरीबी की खाई, 2016 तक एक प्रतिशत लोगों के पास होगी 50% दौलत

गैर सरकारी संस्‍था ऑक्‍सफैम के सर्वे में एक चौंकाने वाला तथ्‍य सामने आया है. सर्वे में कहा गया है कि 2016 में दुनिया की आधी दौलत यहां के केवल एक प्रतिशत लोगों के पास होगी. सर्वे में कहा गया है कि इन एक प्रतिशत लोगों की संपत्ति में इस एक साल में दोगुणी बढ़ोतरी हो जायेगी. ऑक्सफैम के अनुसार जहां 2009 में इन लोगों की सम्पत्ति में 44 फ़ीसदी की...

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ठंड में कहां जाएं गरीब व बेसहारा

दुनिया के ज्यादातर देशों में लोकतंत्र है और जहां नहीं हैं वहां लोकतंत्र बहाली के आंदोलन चल रहे हैं क्योंकि सैद्धांतिक तौर पर लोकतंत्र में व्यक्ति की स्वतंत्रता और गरिमा को सर्वाधिक महत्व प्राप्त है। लेकिन, आधुनिक लोकतंत्र को सर्वाधिक आकर्षक बनाने वाली यही बात उसे अंतर्विरोधी भी बनाती है। किसी व्यक्ति या व्यक्ति समूह की आजादी के मूल्य को ज्यादा तरजीह दी जाय तो वह शेष व्यक्तियों की आजादी, आपसी बराबरी और भाईचारे में...

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85 दौलतमंद लोगों के पास है धरती की आधी से ज्यादा संपत्ति: REPORT

दुनिया में अमीर और गरीब के बीच का फासला इस कदर बढ़ा है कि दुनिया की आधी आबादी के पास जितनी संपत्ति है उतनी संपत्ति दुनियाभर के केवल 85 धनी व्यक्तियों के पास है। दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक से पहले आक्सफैम की वर्किंगग फार द फ्यू शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट में यह बात कही गई है।   इसमें विकसित एवं विकासशील दोनों तरह...

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नये साल में आर्थिक व्यूह रचेगा भारत!- पुष्परंजन

भारतीय आइटी उद्योग उत्तर अमेरिका से सरक कर यूरोप की ओर जा रहा है. 2014 में इस तरह की भविष्यवाणी से अमेरिका की भृकुटी तन गयी है. नास्कॉम के अध्यक्ष सोम मित्तल की सुनिये, तो यूरोप भारतीय आउटसोर्सिस सेवा को इस साल अपनी ओर आकर्षित करेगा, जिससे सिर्फ आइटी सेक्टर से 108 अरब डॉलर के लाभ की उम्मीद की जा सकती है. क्या इसके लिए 22 से 25 जनवरी तक दावोस में...

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विकास की बंद गली- भारत डोगरा

जनसत्ता 2 फरवरी, 2012 : हाल के वैश्विक संकट ने विश्व-स्तर पर लोगों को नए सिरे से आर्थिक नीतियों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया है। अब आम लोग और विशेषज्ञ दोनों निजीकरण, बाजारीकरण और भूमंडलीकरण पर आधारित मॉडल की प्रासंगिकता पर सवाल उठा रहे हैं। आम लोगों की बेचैनी की अभिव्यक्ति सबसे प्रबल रूप में आक्युपाइ द वॉल स्ट्रीट आंदोलन के रूप में हुई है। दूसरी ओर, इस बार...

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