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सिर्फ 1 लाख खर्च कर 4 महीने में ही कमा डाले 8 लाख रु, अपनाया ये खास तरीका

सीकर। रसीदपुरा के किसान ने खेती से मुनाफे का नया रास्ता खोजा है। दुर्गाप्रसाद ओला ने नीदरलैंड खीरा की बुवाई कर सिर्फ चार महीने में आठ लाख रुपए की पैदावार की है। किसान का दावा है कि नीदरलैंड से बीज मंगवाकर खीरा की पैदावार करने वाला वह राजस्थान में पहला किसान है। इस खीरे में बीज नहीं होने की वजह से बड़े होटल-रेस्त्रां में डिमांड रहती है दुर्गाप्रसाद ने बताया कि...

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रुपये की मजबूती से कपास निर्यातक मुश्किल में

कम मार्जिन कपास के निर्यात सौदों में घट गया है मार्जिन ऐसे में निर्यात सौदे पहले की तुलना में घट गए हैं बढ़ेगी कीमत घरेलू बाजार में बढिय़ा क्वालिटी की कपास की कीमतों में तेजी आने की संभावना   डॉलर के मुकाबले रुपये में आई मजबूती से कपास निर्यात सौदों में मार्जिन कम हो गया है। भारतीय मुद्रा मजबूत होकर अब 61.19 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गई है। हालांकि विदेशी बाजार में कपास की...

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तीन दिन में 1200 बच्चे बीमार: अब मिलेगी आयरन गोली की आधी खुराक

चंडीगढ़. प्रदेश में आयरन की गोलियां खाने से बच्चों के बीमार होने का सिलसिला अभी थमा नहीं है। तीन दिन में करीब 1200 बच्चे बीमार हो चुके हैं। सरकार इसे गंभीरता से लेने के बजाय अपनी सफाई देने में जुटी है। नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (एनआरएचएम) इस बात को दबी जुबान में स्वीकार कर रहा है कि बच्चों को दवा खिलाने में कहीं न कहीं लापरवाही हो रही है। उधर, स्वास्थ्य विभाग...

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गर्भाशय कांड: सात डॉक्टरों के एक साल तक इलाज करने पर रोक- मुहम्मद निजाम

रायपुर. कैंसर का भय दिखाकर कम उम्र की महिलाओं के गर्भाशय निकालने वाले निजी नर्सिंग होम के सात डॉक्टरों के खिलाफ राज्य शासन ने कड़ा फैसला लिया है। गर्भ के गुनहगार इन डॉक्टरों के पंजीयन एक साल के लिए निलंबित कर दिए गए हैं। अब ये सालभर तक मरीजों का इलाज नहीं कर सकेंगे। उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन एक हफ्ते के भीतर शासन के पास जमा करना होगा। दैनिक भास्कर के खुलासे...

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हिंदी पत्रकारिता दिवस विशेष- हिंदी पत्रकारिता : भारतीय राष्ट्रीयता की कहानी

हिन्दी पत्रकारिता की कहानी भारतीय राष्ट्रीयता की कहानी है। भारतवर्ष में आधुनिक ढंग की पत्रकारिता का जन्म अठारहवीं शताब्दी के चतुर्थ चरण में कलकत्ता, बंबई और मद्रास में हुआ। 1780 ई. में प्रकाशित हिकी का "कलकत्ता गज़ट" कदाचित् इस ओर पहला प्रयत्न था। लेकिन हिंदी पत्रकारिता की सही मायने में शुरुआत हिंदी के पहले पत्र उदंत मार्तण्ड के प्रकाशित होने के साथ 30 मई 1826 को हुई। इसीलिए इस...

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