अनंगपाल दीक्षित, अंबिकापुर(निप्र)। छत्तीसगढ़ में कटनी-गुमला नेशनल हाइवे क्रमांक 43 पर स्थित सरगुजा जिले का सिलसिला गांव को यहां के मेहनतकश किसानों ने वर्ष भर स्वादिष्ट भुट्टे के लिए प्रसिद्घ कर दिया है। इस मार्ग पर आने-जाने वाले हर वाहन का पहिया सिलसिला में थम जाता हैं हर कोई यहां के किसानों की मेहनत से पैदा किए गए भुट्टे का स्वाद लेने लालायित रहता है। हर रोज इस छोटे से...
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जमीन को लील गई बाढ़
संवाद सूत्र, पुरोला: बीते चार वर्षो में रवांई घाटी में बाढ़ व भूस्खलन ने खेती की जमीन को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। फल और नकदी फसल उत्पादकों की 12 सौ नाली कृषि भूमि को कुदरत का कहर लील गया। इससे प्रभावित काश्तकार अब बची हुई जमीन पर ही खेती करने को मजबूर हैं। क्षेत्र में हर साल बरसात के दौरान करीब बारह छोटी बड़ी नदियां विकराल रूप ले लेती हैं।...
More »किसान आत्महत्या- पुरानी पहेली का नया समाधान
प्रति व्यक्ति आय, सार्वजनिक स्वास्थ्य और शिक्षा के मामले में देश का म़ॉडल राज्य कहलाने वाले केरल में पुरुषों की आत्महत्या दर विश्व में सर्वाधिक (66.3) है जबकि बीमारु राज्यों में शुमार बिहार में पुरुषों की आत्महत्या दर सबसे कम (6.3)। यह विरोधाभास क्यों ? ग्रामीण-संकट के अध्येताओं को लंबे समय से परेशान करने वाली इस पहेली का एक क्या उत्तर मिलता है प्रतिष्ठित लैंसेट जर्नल में प्रकाशित जॉनथन कनेडी और लारेंस किंग के एक अध्ययन...
More »लेखा परीक्षण पर रखें नजर
देश में अब तक 15 बार लोकसभा के चुनाव हुए हैं. लोकतांत्रिक कसौटी पर हम खरा उतरने की कोशिश करते रहे हैं. इस कोशिश का ही नतीजा है कि अब करीब-करीब प्रत्येक मतदाता निर्भय हो कर मतदान करने लगा है. इसने बाहुबल को बहुत हद तक कमजोर किया है, लेकिन चुनाव में धनबल अब भी कायम है. इसके कई रूप हैं. इस पर अंकुश लगाने के लिए चुनावी खर्च के लेखा परीक्षण...
More »किसने बनाया किसान को गरीब- कुसुमलता केडिया
भारत की हजारों वर्षों की जिस संपन्नता की बात की जाती है, वह मुख्यतया किसानों, शिल्पियों और व्यापारियों पर टिकी थी। राजकोष में आने वाले धन का सबसे बड़ा हिस्सा किसानों से प्राप्त होता था। मनु-स्मृति, विष्णुधर्मसूत्र, गौतमधर्मसूत्र आदि में स्पष्ट व्यवस्था है कि सामान्यतया राज्य कृषि उत्पादन का बारहवां अंश लेगा। अगर कोई विशेष संकट उपस्थित हो तो आठवां या छठा अंश भी मांगा जा सकता है। कभी-कभार ही...
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