नागपुर. कॉन्वेंट व निजी स्कूलों से प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रही मनपा स्कूलों ने भी अब इन्हें टक्कर देने का निर्णय लिया है। आगामी शैक्षणिक सत्र से मनपा पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम आरंभ करने जा रही है। मराठी व हिंदी माध्यम अब नहीं होंगे। अंग्रेजी माध्यम शुरू होने के बाद पाठ्यक्रम में मातृभाषा (मराठी-हिंदी) का सिर्फ एक विषय रहेगा। शेष सभी विषय अंग्रेजी में होंगे। प्रतिस्पर्धा के चलते शहर में महानगरपालिका...
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पेयजल के लिए तरसे अपर चौरा में प्राइमरी स्कूल के नौनिहाल
संवाद सहयोगी, रिकांगपिओ : तहसील निचार के अपर चौरा प्राइमरी स्कूल के नौनिहाल दो महीने से पानी के लिए तरस रहे हैं। अपर चौरा के प्राइमरी स्कूल सहित सौंडार गांव के लोग एलएनटी व जेपी कंपनी के टावर लाइन निर्माण के समय पाइप लाइनों को हुए नुकसान के बाद से पानी ढोकर पी रहे हैं। सौंडार गांव के भजन लाल ने बताया कि उन्होंने इसकी जानकारी कई बार सिंचाई एवं...
More »एक स्कूल ऐसा भी जहां केवल झंड़ा फहराने आते हैं शिक्षक
पाकुड़। शिक्षा के क्षेत्र में सूबे का सर्वाधिक पिछड़ा जिला पाकुड़ का लिट्टीपाड़ा प्रखण्ड वास्तव में शिक्षक व अधिकारियों के कारण पिछड़ा है। आदिवासी व पहाड़िया बहुल यह क्षेत्र दुर्गम पहाड़ी इलाका होने के कारण सरकार की नजरों से भी दूर है। ऐसे में अधिकारियों की मिलीभगत से यहां मैनेज करने का धंधा बदस्तूर जारी रहता है। इसी क्रम में शिक्षा के क्षेत्र में हो रही गड़बड़ियों के विरूद्ध जिले में भास्कर...
More »कुपोषण की चपेट में सहरिया जनजाति के नौनिहाल-एएचआरसी
परंत, राजवीर, रामकुमारी,सन्नी- ये नाम घनघोर कुपोषण में दम तोड़ने वाले बच्चों के हैं। 3 साल या फिर इससे भी कम उम्र के सभी बच्चे मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले गांवों में आबाद सहरिया जनजाति के हैं। आशिक, कुलदीप,पवन और मालती जैसे कुछ बच्चे और हैं, ये भी सहरिया जनजाति के ही हैं और कुपोषण की चपेट में इनका भी दम किसी क्षण टूट सकता है।(देखें लिंक संख्या-1) मानवाधिकारों के मोर्चे पर...
More »अस्वस्थ बच्चे अस्वस्थ देश के भविष्य
भारत के महापंजीयक की "भारत में मृत्यु के कारण" शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार पाँच साल से कम आयु के करीब आधे बच्चों का वजन सामान्य से कम है और इसका कारण कुपोषण है। ऋतु सारस्वत स्वास्थ्य और मानव विकास एक-दूसरे से घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं और यदि स्वास्थ्य का प्रश्न बच्चों से जुड़ा हुआ हो, तो यह और अधिक संवेदनशील विषय हो जाता है। हाल ही में...
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