भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा भारतीय वन सर्वेक्षण के पूर्व महानिदेशक डा. देवेन्द्र पांडेय की अध्यक्षता एवं 9 अन्य सदस्यों वाली नियुक्त की गई विशेषज्ञ समिति ने नर्मदा घाटी में अति विवादास्पद सरदार सरोवर परियोजना (एसएसपी) और इंदिरा सागर परियोजना (आईएसपी) के सुरक्षा उपायों से संबंधित सर्वेक्षण, अध्ययन व योजनाओं एवं उनके कार्यान्वयन पर हाल ही में मंत्रालय को अपनी दूसरी अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत की है। सूचना के...
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सरकारी सुस्ती में होम होंगे जनता के पांच खरब
नई दिल्ली। सरकारी योजनाओं पर अमल में सुस्ती के चलते जनता की गाढ़ी कमाई के पांच खरब रुपये बर्बाद होंगे। यह बर्बादी सिर्फ केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित 589 परियोजनाओं के देर से पूरा होने के कारण होगी। योजना क्रियान्वयन एवं सांख्यिकी मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने सोमवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी। ये परियोजनाएं निर्धारित समय पर पूरी होतीं तो इन पर 5,54,114 करोड़ की लागत आनी थी, लेकिन अब...
More »खनन पट्टों के नवीकरण पर रोक से उबाल
सासाराम। रोहतास उद्योग पूंज की बंदी की भरपाई को विकसित करवंदिया का पत्थर उद्योग संकट में है। इस उद्योग से सीधे जुड़े 50 हजार हांथों पर बेरोजगारी की तलवार लटक गयी है। दो हजार करोड़ के सालाना टर्न ओवर वाले इस उद्योग से मजबूत हुई जिला की आर्थिक संरचना भी डगमगाने लगी है। आने वाली स्थिति को भाप करोड़ों की पूंजी लगाये बैंकों के हाथ-पाव फूलने लगे हैं। हाल में राज्य सरकार के बिहार लघु...
More »उद्योगों के लिए कृषि भूमि पर जवाब दे सरकार
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो : राजधानी के उत्तार पश्चिमी क्षेत्र के कंझावला इलाके में कृषि भूमि को उद्योगों के लिए अधिगृहीत किए जाने पर हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब तलब किया है। कंझावला के किसानों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस अजीत प्रकाश शाह और जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ की बेंच ने कहा कि ये बेहद महत्वपूर्ण सवाल है कि कृषि योग्य भूमि का प्रयोग गैर कृषि कार्यो के लिए...
More »सवाल सेहत का
खास बात • सिर्फ 10 फीसदी भारतीयों के पास हेल्थ इंश्योरेन्स है और यह बीमा भी उनकी सेहत की जरुरतों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। *** • अस्पताल में भर्ती भारतीय को अपनी सालाना आमदनी का 58 फीसदी इस मद में व्यय करना पड़ता है।*** • तकरीबन 25 फीसदी भारतीय सिर्फ अस्पताली खर्चे के कारण गरीबी रेखा से नीचे हैं। *** • सेहत के मद में होने वाले खर्चे का सवाल बड़ा चिन्ताजनक है। सालाना 10 करोड़ लोग...
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