-वाटर पोर्टल, जिसके बिना प्रत्येक जीव का जीवित रह पाना असंभव है, पृथ्वी पर पाए जाने वाला एक महत्वपूर्ण संसाधन है. जल, जल को अंग्रेजी भाषा में वाटर और भारतीय आम भाषा में पानी कहकर संबोधित करते हैं. जल दो तत्वों, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से मिल कर बना है.जी हां दोस्तों, आज का हमारा लेख पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी जीवित प्राणियों के जीवन में अहम स्थान रखने वाले संसाधन...
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'पक्ष'कारिता: आज मर रहे पत्रकारों को बचाइए, उम्मीद बची तो कल पत्रकारिता भी बच जाएगी
-न्यूजलॉन्ड्री, कोविड-19 के कसते शिकंजे के आलोक में हिंदी के ज्यादातर अखबारों के अचानक बदले चरित्र और जनपक्षधर रिपोर्टिंग पर पिछले अंक में एक सरसरी तौर पर इशारा था, हालांकि वह स्तम्भ बंगाल चुनाव पर केंद्रित था. अखबारों का आलोचनात्मक रुझान अब भी कायम है, बल्कि और तीखा हुआ है. अच्छी बात यह है कि छोटे-छोटे शहरों के अखबारी संस्करणों और छोटे प्रकाशनों (मुद्रित और ऑनलाइन) में जनता के दुख-दर्द की...
More »छत्तीसगढ़ के एक गांव में 15 साल में 130 किडनी की बीमारी से मौतें हुईं, वजह कोई नहीं जानता
-द प्रिंट, छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा और 9 अन्य गावों में किडनी की क्रोनिक बीमारी से पिछले 15 सालों में होने वाली 130 मौतें एक पहेली बनी हुई हैं वहीं इस इलाके की करीब 10-15 हजार की आबादी इसकी जद में आ चुकी है. राज्य सरकार का कहना है कि रायपुर से करीब 250 किलोमीटर दूर देवभोग हीरा खदान के पास स्थित इन गांवों में फैली क्रोनिक किडनी डिसीज़ (सीकेडी)...
More »कुंभ का शाही स्नान नजदीक, पीने लायक नहीं हुआ अभी गंगाजल
-डाउन टू अर्थ, कोरोना महमारी के दौरान उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित हो रहे महाकुंभ में गंगा को करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ बनाए रखने की चुनौती जारी है। हाल ही में दून यूनिवर्सिटी के शोध में बताया गया है कि शहरी क्षेत्रों में गुजरने वाली गंगा धारा में बहुत उच्च स्तरीय प्रदूषक हैं। वहीं, गंगा की रोजाना होने वाली निगरानी में भी कई स्थानों पर गंगा जल श्रद्धालुओं के लिए...
More »जल संकट: पानी की कमी से जूझ रहे इस गाँव के लोग गर्मियों में नदी किनारे बना लेते हैं बसेरा
-गांव कनेक्शन, सुबह चार बजे ही गाँव के ज्यादातर लोग पानी के लिए नदी की ओर निकल जाते हैं और जब मई-जून में और ज्यादा गर्मी बढ़ जाती है तो नदी के किनारे ही लोग बसेरा बना लेते हैं। पानी की कमी की वजह से बहुत से लोग गाँव छोड़ कर जा चुके हैं। ये मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले का देवरी माल गाँव है। यहां के जहांगीर धुरवे (32 वर्ष)...
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