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असम में पर्यावरण प्रभाव आकलन मसौदे (EIA 2020) का विरोध, बाघजान और डेहिंग पटकई से सीख लेने की अपील

-गांव कनेक्शन, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी ड्राफ्टविवादित पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना (ईआईए,2020) को एंटी-नॉर्थइस्ट (पूर्वोत्तर विरोधी) कहा जा रहा है। वैसे तो ईआईए में संशोधित प्रस्तावाओं का देशभर में विरोध हो रहा है, लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों के लिए ईआईए के अपने निहितार्थ है। असम और ड्राफ्ट ईआईए 2020 1984 भोपाल गैस त्रासदी के बाद 1986 में पहली बार भारत में पर्यावरण संरक्षण कानून बनाया गया था। इसी कानून के तहत...

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डब्लूएचओ : गर्मी में भी ख़त्म नहीं होगा कोरोना वायरस

-सत्यहिंदी, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि गर्मी के मौसम में ऊंचे तापमान में कोरोना वायरस की क्षमता कम हो जाएगी, पर वे जिंदा बचे रहेंगे और सर्दियों में फिर सक्रिय हो जाएंगे। यह भारत जैसे गर्म प्रदेशों के लिए अधिक चिंता की बात है। अब तक यह माना जा रहा था कि गर्मी शुरु होते ही कोरोना संक्रमण ख़त्म हो जाएगा और भारत जैसे देशों को राहत मिलेगी। पर डब्लूएचओ...

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NRC को पूंजीवादी दृष्टि से भी देखा जाना चाहिए

एनआरसी को अभी तक सिर्फ़ कम्युनल और संवैधानिक दृष्टि से ही देखा गया है। एनआरसी पूंजीवादी के कितना काम आ सकता है, किस तरह काम आ सकता है इस पर भी एक नज़र डाल लेना चाहिए। क्योकि पूंजीवादी जब फासीवाद को अपना हथियार बना लेता है तो दमन और क्रूरता के सारे पुराने मापदंड टूट जाते हैं।इसे समझना हो तोलोकल इंटेलिंजेंस यूनिट के हवाले से लिखी गई अमर उजाला की...

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“आम आदमी को नहीं मालूम कि कांग्रेस की विचारधारा क्या है”, दार्शनिक राठौड़

आकाश सिंह राठौड़ दार्शनिक हैं, जिन्होंने भारतीय राजनीतिक विचार, न्यायशास्त्र, मानव अधिकारों और दलित नारीवादी सिद्धांत के दर्शन पर काम किया है. राठौड़ ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, बर्लिन विश्वविद्यालय और न्यू जर्सी स्टेट यूनिवर्सिटी में अध्यापन किया है. फिलहाल वह रोम (इटली) के लुइस विश्वविद्यालय से संबद्ध एथोस नामक थिंक टैंक से जुड़े हैं. वह रीथिंकिंग इंडिया श्रृंखला के संपादक हैं जो 14 संस्करणों का एक संग्रह है....

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नागरिकता संशोधन बिल: असम क्यों उबल रहा है

भारत के पूर्वोत्तर राज्यों ख़ासकर असम में नागरिकता संशोधन बिल के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों का ग़ुस्सा अब कई तरह से सामने आ रहा है. विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोग "आरएसएस गो-बैक" के नारे लगा रहे हैं, साथ ही अपने नारों में सत्ताधारी बीजेपी को सतर्क कर रहे हैं. सड़कों पर उतरे ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के कार्यकर्ताओं ने इससे पहले नगरिकता बिल के ख़िलाफ़ मशाल जुलूस निकालकर अपना विरोध जताया. वहीं,...

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