प्रदेश के छह करोड़ गरीब लोगों को सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को राज्य और जिला स्तर पर निजी अस्पतालों को सूची बनाकर प्राथमिकता पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य सचिव डॉ. अनूप चन्द्र पाण्डेय ने यह निर्देश मंगलवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि...
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा- गरीबों का मुफ्त इलाज करें प्राइवेट अस्पताल, नहीं तो कैंसल होगा लाइसेंस
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के सभी प्राइवेट अस्पतालों को हिदायत देते हुए सोमवार को कहा है कि या तो वे गरीबों का मुफ़्त में इलाज करें या अपना लाइसेंस कैंसल किये जाने के लिए तैयार रहें. अदालत ने यह चेतावनी सरकार से छूट लेने वाले निजी अस्पतालों को ख़ास तौर पर दी है. क़ानून के अनुसार, इन अस्पतालों को गरीबी रेखा से नीचे के सभी लोगों का...
More »दिल्ली के अस्पताल में फिर लापरवाही, इन्फेक्शन से 5 साल की बच्ची की मौत, शव के लिए 9.5 लाख मांगने का आरोप
दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में लापरवाही का सिलसिला जारी है। शालीमार बाग के मैक्स हॉस्पिटल और गुड़गांव के फोर्टिस हॉस्पिटल के बाद फिर से दिल्ली के बीएलके सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल पर लापरवाही के आरोप लगे हैं। यहां बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए पांच साल की एक बच्ची को दाखिल कराया गया था लेकिन अस्पताल की लापरवाही की वजह से उसकी जान चली गई। परिजनों का आरोप है कि 25 दिन...
More »इन्सेफ़ेलाइटिस: एक अस्पताल, 40 साल और 9733 बच्चों की मौत बिना वबाल !-- मनोज सिंह
बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर में आक्सीजन संकट के दौरान चार दिन में 53 बच्चों की मौत पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। बच्चों की मौत को लेकर जहां आम लोगों में शोक और आक्रोश से भरी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं वहीं इसके लिए जिम्मेदार लोग इन मौतों को ‘ सामान्य ' बताने के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं और इसके लिए आंकड़ों का खेल...
More »स्वास्थ्य व्यवस्था की दुर्दशा -- प्रो. योगेन्द्र यादव
स्वतंत्रता दिवस पर रेडियो गाना बजा रहा था- ‘आओ बच्चों तुम्हें दिखायें झांकी हिंदुस्तान की...' मेरा मन बार-बार गोरखपुर के उन बच्चों की तरफ जा रहा था, जो हिंदुस्तान की झांकी देखे बिना ही विदा हो गये. बिना इस मिट्टी से तिलक किये, बस ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ गये. ...ये धरती है बलिदान की! मैं सोचने लगा. काश स्वास्थ्य के मुद्दे पर राजनीति होती! काश सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य...
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