-असली भारत, ऐसे समय जब देश में किसान आंदोलन चल रहा है, पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं, तब खेती से जुड़ी एक खबर ने किसानों की नाराजगी बढ़ा दी है। उर्वरक बनाने वाले देश के सबसे बड़े संगठन इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने डीएपी समेत कई उर्वरकों के दाम 45 फीसदी से लेकर 58 फीसदी तक बढ़ा दिये हैं।...
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चुनावों में हस्तक्षेप का निर्णय कर के किसान नेताओं ने कहीं कोई खतरा तो नहीं मोल लिया है?
-जनपथ, अंततः किसान आंदोलन के नेताओं ने यह निर्णय ले ही लिया कि पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों में संबंधित प्रदेशों का दौरा कर वे मतदाताओं से भाजपा को उसके किसान विरोधी रवैये के मद्देनजर सत्ता से दूर रखने की अपील करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने इस संबंध में पत्र के रूप में मतदाताओं हेतु एक अपील भी जारी की है। इस अपील में कहा गया है: हम केंद्र एवं भाजपा...
More »किसान आंदोलन अराजनैतिक नहीं हो सकता और होना भी नहीं चाहिए, यह लोकतांत्रिक नहीं है
-द प्रिंट, संयुक्त किसान मोर्चा ने अगामी विधानसभा चुनावों में हस्तक्षेप का फैसला किया है और इस फैसले से एक पुरानी बहस फिर से जोर पकड़ सकती हैः बहस ये कि क्या किसान-आंदोलन को राजनीति से परहेज करना चाहिए. आपको याद होगा, प्रधानमंत्री ने आंदोलनजीवी कहकर हाल में तंज कसा था. आंदोलन तो हो लेकिन अराजनीतिक हो, ये मांग भी तंज कसती इसी सोच की लीक पर है और इस बात...
More »कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराने के लिए बुलाया जाएगा बंगाल विधानसभा का सत्र: ममता बनर्जी
-द प्रिंट, नये कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि इन विवादास्पद कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के वास्ते विधानसभा का सत्र आहूत करने के लिए आवश्यक कदम उठाये जाएंगे. विधानसभा चुनाव के करीब आने के बीच बनर्जी ने संकेत दिया कि वह प्रधानमंत्री किसान योजना को पश्चिम बंगाल में लागू करने को लेकर तैयार हैं. उन्होंने कहा...
More »लॉकडाउन के बाद भी भुखमरी और सिकुड़ती आय के खतरे बरकरार!
11 राज्यों के 3,994 उत्तरदाताओं के बीच एक सर्वेक्षण के प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि अधिकांश कमजोर परिवारों और समुदायों, जैसे कि एससी, एसटी, ओबीसी, पीवीटीजी, झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले, दिहाड़ी मजदूर, किसान, एकल महिला परिवार, इत्यादि में लॉकडाउन से पहले उनकी आय के स्तर की तुलना में सितंबर-अक्टूबर के दौरान उनकी आय कम रही है. राइट टू फूड कैंपेन और सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज (टेलीफोनिक सर्वेक्षण के...
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