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ब्रेन फ़ॉग क्या है? मेनोपॉज़ से पहले महिलाओं को क्यों होती है याददाश्त से जुड़ी परेशानियां?

-बीबीसी,  करियर के शुरुआती दिनों में न्यूयॉर्क के लेनॉक्स हिल अस्पताल की न्यूरोलॉजिस्ट गायत्री देवी और उनकी सहयोगियों ने एक ग़लती कर दी. उन्होंने मेनोप़ॉज़ से ग़ुज़र रही एक महिला को अलज़ाइमर का मरीज़ समझ लिया. कई दौर के उपचार के बाद महिला के स्वास्थ्य में सुधार हुआ और डॉक्टर गायत्री ने महसूस किया कि इसके शुरुआती लक्षण- भूल जाना और ध्यान भटकना हैं. इन लक्षणों के पीछे दूसरे कारण थे. मरीज़ के...

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मुनाफे की चाह और अपारदर्शी कीमत बनी वैक्सीनेशन की राह में रोड़ा

-न्यूजलॉन्ड्री, यह हमारी दुनिया के लिए करो या मरो जैसा क्षण है. वायरस और उसके नए प्रकारों और टीकाकरण के बीच एक दौड़ सी जारी है. नोवेल कोरोनावायरस जिस गति से म्यूटेट कर रहा है, उसका अर्थ है कि जब तक इस विश्व का हर एक आदमी सुरक्षित नहीं हो जाता तब तक कोई सुरक्षित नहीं होगा. डब्लूएचओ के अनुसार हमें लगभग 11 बिलियन खुराकों की जरूरत है और इन्हें सबसे...

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कोरोना के डेल्टा वेरिएंट ने कई देशों में मचाई खलबली, ऑस्ट्रेलिया, रूस और बांग्लादेश में नई पाबंदियाँ

-बीबीसी,  भारत में धीरे-धीरे कई शहरों के अनलॉक होने की प्रक्रिया शुरू हो रही है. दिल्ली में सोमवार से जिम, योगा सेंटर और बैंक्वेट हॉल खोलने की सशर्त इज़ाज़त मिल गई है. हरियाणा सरकार ने भी कुछ पाबांदियों के साथ अपने लोगों को सोमवार से थोड़ी राहत देने का ऐलान किया. जानकार भारत में तीसरी लहर आने की चेतावनी देते हुए मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिग का पालन करने की सलाह दे...

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जब कार्टूनिस्ट देश के लिए ख़तरा बन जाए

-न्यूजलॉन्ड्री, एक कार्टून बनाया गया. कार्टून बन गया. जो कार्टून बना, उसे हंसना आता तो है, पर दूसरों पर. बुरा लग गया. रायता इसके बाद फैला. किसे अंदाज़ा होगा कि कार्टूनिस्ट से कुपित होने वाला ये पूरा प्रसंग देश के हालात और उसके वक़्त का एक हलफिया बयान बन जाएगा. लोगों के वोटों से बनी सरकार उन लोकतांत्रिक मूल्यों की ऐसी-तैसी करने में लगी है, जहां असहमति, आलोचना और अभिव्यक्ति की...

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क्या तीसरी लहर से पहले खुल पाएंगे ग्रामीण PHC और CHC में लटके ताले?

-जनपथ, कोरोना की दूसरी लहर का सामना करने के बाद जिंदा बचा समाज खुद अपनी पीठ थपथपा रहा है। समाज और यूं कहें कि व्यक्तिगत तौर पर सुकून इस बात का है कि इस बार बच गये लेकिन भीतर खौफ ये कि अगर अगली बारी हमारी हुई तो क्या होगा? खौफ इस बात का है कि जिस सरकार को वोट देकर तख्त पर बिठाया है वो तो राजनीति में व्यस्त है।...

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