खास बात - भारत में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या 626 मिलियन है। यह संख्या 18 देशों में खुले में शौच करने वाले लोगों की संयुक्त संख्या से ज्यादा है।# -ग्रामीण इलाकों में केवल २१ फीसदी आबादी के घरों में शौचालय की व्यवस्था है।* -पेयजल आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के हिसाब से कुल १,५०,७३४९ ग्रामीण मानव बस्तियों में से केवल ७४ फीसदी में पूरी तरह और १४ फीसदी में...
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गुजरात में लंपी स्किन बीमारी से गायों की मौत, कच्छ में सामने आ रहे हैं समुदाय-संचालित पशु देखभाल शिविर
दिप्रिंट, 07 अगस्त गुजरात के गांधीधाम में स्थित एक अस्थायी पशु देखभाल शिविर के अंदर बजाए जा रहे, हिंदू देवी-देवता सीता और राम को समर्पित भक्ति संगीत के बीच बीच में, दांतों के किटकिटाने की आवाज आ रही थी जो कि शुक्रवार को एक गाय खुले घाव की तकलीफ से तड़प में कर रही थी इससे खून और मवाद रिस रहा था. उसकी जबर्दस्त तकलीफ से लग रहा था कि वो शायद...
More »राजस्थान, गुजरात जैसे कई राज्यों में लम्पी स्किन डिजीज से हो रही पशुओं की मौत, पशुपालकों के सामने आजीविका का संकट
गाँव कनेक्शन, 02 अगस्त राजस्थान के सबसे अधिक गोवंश की आबादी वाले जिले में इन दिनों पशुपालकों के बीच डर का माहौल है, वो समझ नहीं पा रहे हैं कि वो इस समय क्या करें, जिससे उनके पशुओं को लम्पी स्किन डिजीज से बचाया जा सके। राजस्थान के बीकानेर जिले के लूणकरणसर तहसील के रोझा गाँव के विजय पाल भी उन्हीं में से एक हैं। 40 वर्षीय विजय पाल की दो...
More »खबरदार
खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...
More »जेंडर
खास बात साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38% फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...
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