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आलेख : नृशंस साम्राज्य

-आउटलुक, “ऐसा प्रचंड संकट आजादी के बाद से नहीं आया था, अब तो मोदी समर्थक भी मानने लगे हैं कि महामारी में सरकार का रवैया सारे दायित्व से हाथ झाड़ लेने का रहा है” इस 9 मई को पिंजरा तोड़ आंदोलन की अगुआ छात्र एक्टिविस्ट नताशा नरवाल के पिता महावीर नरवाल कोविड महामारी से जंग हार गए। वे दुनिया से विदा होने के पहले अपनी बेटी से मिल या बात नहीं कर...

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ग्रामीण भारत में बढ़ता कोरोना : डॉक्टरों की कमी, झोलाछाप पर भरोसा और वैक्सीन के लिए झिझक

-गांव कनेक्शन, भारत की 65 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, जबकि सिर्फ 33 प्रतिशत स्वास्थ्य सुविधाएं ही उन्हें मिल रही हैं। ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा का बुनियादी ढांचा तीन स्तर पर काम करता है, जिसमें एक उप-केंद्र, एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) शामिल हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार इन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 3,000 से अधिक डॉक्टरों की कमी है, जो पिछले 10 सालों...

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टीके से काफी दूर है ग्रामीण जनता : उत्तर प्रदेश ने वैक्सीन और ऑक्सीजन कंटेनर के लिए जारी किया ग्लोबल टेंडर

-डाउन टू अर्थ, कोरोनासंकट के बीच उत्तर प्रदेश में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं और व्यवस्था की कमियां उजागर हो रही हैं। इस बीच कोरोना महामारी से लड़ाई के लिए संसाधनों का संकट बना हुआ है। टीके की कमी और क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकरों की कमी से जूझते उत्तर प्रदेश ने ग्लोबल टेंडर जारी कर दिया है लेकिन इससे महामारी में जल्द ही कोई राहत नहीं मिलने वाली है।  कुल 20.12 करोड़ की आबादी वाले...

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फैक्टचेक: 2011 से नए निर्माण की स्वीकृति नहीं तो फिर योगी सरकार ने कैसे कर दी 771 कस्तूरबा विद्यालयों की स्थापना

-न्यूजलॉन्ड्री, उत्तर प्रदेश सरकार ने 6 अप्रैल को एक ट्वीट कर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा किए गए शिक्षा के कार्यों को साझा किया. राज्य की बीजेपी सरकार ने जो तस्वीर साझा की है उसमें कई दावे किए, इनमें से एक दावा यह था कि योगी सरकार ने 771 कस्तूरबा विद्यालयों की स्थापना की है. उत्तर प्रदेश बीजेपी के इस विज्ञापन में सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, दोनों उप...

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विश्व स्वास्थ्य दिवस: एक साफ, स्वस्थ विश्व के निर्माण का संकल्प

-जनपथ, भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के पैमाने पर ‘‘जन स्वास्थ्य’’ एक जरूरी मसला है। सार्वजनिक जन स्वास्थ्य के बिना किसी भी व्यक्ति के लिए स्वस्थ और सुखी रहना नामुमकिन है। कोई व्यक्ति यदि महज धन सम्पत्ति के बदौलत यह सोचता है कि वह अच्छा स्वस्थ्य भी हासिल कर लेगा तो यह उसकी गलतफहमी है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) आज...

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