-द वायर, ‘लॉकडाउन के कारण जूट मिल (चटकल) बंद होने से बहुत-बहुत मुश्किल में हैं… क्या बताएं आपको… अगले 10-15 दिन में हम लोग भुखमरी के कगार पर जाने वाले हैं.’ 45 साल के कृष्णा दास जब फोन पर ये बातें कहते हैं, तो वह बार-बार ‘बहुत’ शब्द पर जोर देकर लॉकडाउन के दौरान सामने आईं कठिनाइयों की भयावहता को महसूस कराना चाहते हैं. कृष्णा दास पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना...
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लॉकडाउन के बाद पटना के शहरी गरीबों की स्थिति पर रिपोर्ट साझा करने तथा स्लमों में राहत कार्य करने लिए इजाजत देने और सहयोग करने के संबंध में
-भोजन का अधिकार अभियान बिहार, सेवा में, माननीय मुख्यमंत्री, बिहार सरकार, पटना, बिहार विषय : लॉकडाउन के बाद पटना के शहरी गरीबों की स्थिति पर रिपोर्ट साझा करने तथा स्लमों में राहत कार्य करने लिए इजाजत देने और सहयोग करने के संबंध में। महाशय, देश और राज्यों में COVID-19 के खतरे को देखते हुये सरकार द्वारा लॉकडाउन का ऐलान किया गया...
More »लॉकडाउन के चलते गरीबी और भुखमरी बढ़ने का खतरा: अमर्त्य सेन, रघुराम राजन और अभिजीत बनर्जी
-द वायर, कोरोना वायरस के बढ़ते संकम्रण को रोकने के लिए लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाए जाने के बाद से विभिन्न वर्गों में चिंता बढ़ गई है. विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगर सही तरीके से देश के लोगों को भोजन नहीं मुहैया कराया जाता है और दिहाड़ी मजदूरों की बढ़ती समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है, तो देश में गरीबी बढ़ने और भुखमरी का खतरा बढ़ सकता है. प्रख्यात...
More »कोरोनावायरस संकट के बीच जीवन ही नहीं अब जीविका बचाना भी हो गया है जरूरी
-द प्रिंट, कोरोनावायरस त्रासदी के बीच अब वक्त आ गया है कि जीवन बचाने के साथ जीविका बचाने पर भी सोचा जाये क्योंकि बिना जीविका, जीवन अर्थहीन सा हो जाता है. अगर आपको लगता है कि ये बात करना अभी जल्दबाजी है तो आप गलत सोच रहे हैं. क्योंकि अगर अभी ये सोचना नहीं शुरू किया गया तो देश में भुखमरी, अपराधों और आत्महत्याओं से हुई मौतों की तादाद कोरोना से...
More »कोरोना लाॅकडाउन: बुंदेलखंड वापस आए मजदूरों की चिंता, अब घर कैसे चलेगा
-गांव कनेक्शन, कोरोना वायरस की वजह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे देश को लाॅकडाॅउन की घोषणा कर दी। प्रवासी दिहाड़ी मजदूर भी परेशान हो गए, ये वो मजदूर हैं जो कई साल पहले काम की तलाश में गांव-घर छोड़कर शहर चले गए थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद भूखे-प्यासे कई सौ किमी पैदल ही चल घर वापस लौटने लगे। रामकली सहरिया (40 वर्ष) अपने पति और लड़के के साथ गाँव से 690...
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