इस साल अच्छी मानसूनी बारिश से जहां किसानों के चेहरे खिल उठे हैं वहीं देश के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। इस बाढ़ की वजह अच्छी बारिश उतनी नहीं है जितनी कि विकास की अंधी दौड़ में पानी के कुदरती निकासी तंत्र को भुला दिया जाना। शहरों का विकास नदियों के बाढ़ क्षेत्रों, तालाबों व समीपवर्ती कृषि भूमि की कीमत पर हो रहा है। शहरों के...
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माल देशी, मालिकाना विदेशी --- अनिल रघुराज
इकलौते तथ्य से सत्य नहीं निकल सकता. लेकिन अनेक तथ्यों को साथ मिला कर सत्य की समग्र तसवीर बनायी जा सकती है. मसला है देश के व्यापक आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का. यह मसला केंद्र या राज्य सरकारों के लिए ही नहीं, देश के हर अमीर-गरीब, स्त्री-पुरुष या बच्चे, बूढ़े व नौजवान के लिए बेहद अहम है. आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के इस मसले को सुलझाने के चार...
More »पानी के लिए पसीना बहा रहे आदिवासी...
खंडवा। भीषण जलसंकट से जूझ रहे लोगों को अपने हिस्से का पानी सहेजने की प्रेरणा नईदुनिया अभियान से मिल रही है। इसी कड़ी में खालवा क्षेत्र के दूरस्थ ग्राम बूटी में आदिवासी तालाब गहरीकरण के लिए श्रमदान में जुटे हैं। स्पंदन समाजसेवा समिति के सीमा प्रकाश ने बताया कि ग्राम बूटी पंचायत धामा का दूरस्थ ग्राम है। यहां 162 घर हैं। आबादी 553 है। इसमें 113 घर कोरकू जनजाति के...
More »झारखंड- राज्य में जल्दी मछली पालन को कृषि का दर्जा
रांची : मुख्य सचिव राजीब गौबा ने कहा कि राज्य के कृषि योग्य भूमि के 30 प्रतिशत भू-भाग के लिए सिंचाई क्षमता उपलब्ध है, लेकिन मात्र 12 प्रतिशत भूमि में ही इसका उपयोग हो रहा है. सृजित सिंचाई क्षमता का शत-प्रतिशत उपयोग किया जाना चाहिए. बैठक में मछली पालन को कृषि का दरजा देने पर सहमति बनी. राज्य के सभी बड़े जलाशयों में केज कल्चर तकनीक से मछली पालन...
More »राज्य में जल्द मछली पालन को मिलेगा कृषि का दरजा
पेरिस : विश्व की एक प्रमुख मीडिया निगरानी संस्था ने भारत को मीडियाकर्मियों के लिए ‘एशिया का सबसे खतरनाक देश' करार देते हुए कहा है कि वर्ष 2015 में दुनिया भर में कुल 110 पत्रकार मारे गये जिनमें नौ भारतीय पत्रकार शामिल हैं. ‘रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स' (आरएसएफ) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि भारत में इस साल नौ पत्रकारों की हत्या हुई. इनमें से कुछ पत्रकार संगठित अपराध तथा...
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