-न्यूजक्लिक, मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष 2021-22 में करीब 5.3 प्रतिशत रह सकती है। यह केंद्रीय बैंक के पूर्व अनुमान के अनुरूप है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा कि मुद्रास्फीति के अगले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में नरम पड़कर पांच प्रतिशत पर आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति का अनुमान पूर्व के अनुमान के लगभग अनुरूप है।...
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फ्रांस की क्रांति, अरब- क्रांति, खाद्य-पदार्थों की कीमतें और जलवायु-परिवर्तन
-डाउन टू अर्थ, यह साल अब खत्म होने को है। कोरोना महामारी, अपने नए ओमिक्रॉन रूप के साथ थमने का नाम नहीं ले रही है, और जलवायु परिवर्तन की पहले से मौजूद विपदा भी नए रिकॉर्ड बनाती जा रही है। ऐसे में दिसंबर की शुरुआत में ही एक नए झटके ने हम सब पर असर डाला-वह है खाद्य-पदार्थों की बढ़ती कीमतों में जलवायु-परिवर्तन की भूमिका। कोरोना ने जिन करोड़ों लोगों को गरीबी...
More »इंटरव्यू/ राकेश टिकैत: 'किसानों की बाकी मांगों पर अपना रवैया स्पष्ट करे सरकार'
“संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि उनकी बाकी मांगों पर सरकार अपना रवैया स्पष्ट करे” तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बावजूद संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि उनकी बाकी मांगों पर सरकार अपना रवैया स्पष्ट करे। टिकैत के अनुसार मोर्चा आगे आम जन के मुद्दे भी उठाएगा। उनसे बात की आउटलुक के एस.के. सिंह ने। मुख्य अंशः सरकार...
More »महंगाई ले चुकी है स्थायी रूप , शहरी से ग्रामीण तक सभी प्रभावित
-रूरल वॉइस, मंहगाई देश में होने वाले पांच राज्यों मे आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एक अहम मुद्दा बन चुका है क्योंकी रोजमर्रा के खर्च में मंहगाई अब हमारे जीवन हिस्सा ही बन गई है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उपभोक्ता मूल्य सूचकां (सीपीआई) या थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) किस तरह के आंकड़े पेश करते हैं। हकीकत यह है कि इस बार की मंहगाई की जड़े काफी गहरी हैं और ...
More »जो थैंक्यू कहना रह गया है मोदी जी..
-न्यूजलॉन्ड्री, मेरे वैक्सीन सर्टिफिकेट में आपकी तस्वीर टंकी हुई है. बहुत सारी बातों के लिए आप खुद ही अपने विज्ञापनों में अपना धन्यवाद करवाते रहे हैं. अब तो आपके मंत्री भी अपनी जगह आप ही का फोटो छापने लगे हैं. शायद धन्य महसूस करते भी होंगे. आपके जाने के बाद जो भी नेता आपकी पार्टी और विचारधारा को मिलेगा, वह शायद ही इतना सौभाग्यशाली हो. कौन सोच सकता है कि भारत...
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