डायन करार देकर महिलाओं पर अत्याचार झारखंड का क्रूर अभिशाप है। दो दशक में 1,240 महिलाएं मार डाली गई, जबकि हजारों प्रताड़ित की गई। प्रताड़ना का स्तर भी ऐसा-वैसा नहीं। कहीं कोई महिला निर्वस्त्र की गई, तो कहीं सिर मुंड़वा सात गांव घुमाया गया। कई का जीते जी श्राद्ध करा दिया गया, कई गांव से निकाल दी गई, कई की इज्जत लूटी गई तो कुछ को जबरन मल-मूत्र पिलाया गया।...
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मध्यप्रदेश में दलितों पर अत्याचार
मध्यप्रदेश के जिले नरसिंहपुर के उपमंडल गदरवारा के दलित समुदाय भुखमरी के कगार पर हैं।तथाकथित ऊंची जातियों द्वारा उनपर सामाजिक और आर्थिक प्रतिबंध लगाकर लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। कारण मात्र इतना कि दलित समुदाय के लोगों ने मृत मवेशियों सड़े-गले अवशेष उठाने से उनकार कर दिया है।नागरिक संगठनों के एक तथ्यान्वेषी दल का कहना है कि गदरवारा में कई जगहों पर दलित अपने घरों में कैद हैं क्योंकि उनके निकसार के सारे रास्ते...
More »न्याय:कितना दूर-कितना पास
खास बात • साल २००९ के अप्रैल महीने तक सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मुकदमों की संख्या ५०१४८ थी। केसों के निपटारे की गति बढ़ी है मगर शिकायतों के आने की गति और जजों की संख्या केसों के आने की गति की तुलना में अपर्याप्त साबित हो रही है।* • दो साल पहले यानी साल २००७ के जनवरी महीने में सुप्रीम कोर्ट में लंबित केसों की संख्या ३९७८० थी। सुप्रीम कोर्ट लंबित केसों के निपटारे में तेजी लाने असहाय महसूस...
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