रांची: राज्य के कुल 80 लाख घरों में से सिर्फ 37.7 फीसदी घरों में ही शौचालय है. इनमें भी ज्यादातर शौचालय शहरी व कस्बाई इलाके में ही हैं. स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर में शौचालय बनाया जाना है. इस दिशा में कार्य जारी है. अभी हाल ही में विभिन्न जिलों की 55 पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया है. रांची जिले का हहाप पंचायत खुले...
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आदिवासियत का लड़ाकू विचारक-- अनुज लुगुन
मराठी के वरिष्ठ आदिवासी कवि वाहरू सोनवाने ‘स्टेज' कविता में कहते हैं- ‘हम स्टेज पर गये ही नहीं/हमें बुलाया भी नहीं गया/उंगली के इशारे से हमारी जगह हमें दिखाई गयी/वे स्टेज पर खड़े होकर/हमारा दुख हमें ही बताते रहे.' यह कविता आदिवासी समाज को गैर-आदिवासियों द्वारा निर्देशित करने की यंत्रणादायी प्रक्रिया को बताती है. आदिवासियों को निर्देशित करने की औपनिवेशिक मंशा का प्रतिरोध करते हुए कई बार वाहरू जी कह...
More »आदिवासी अस्मिता का सवाल-- डा. अनुज लुगुन
आज दुनिया की कई भाषाएं मरने के कगार पर इसलिए खड़ी हैं, क्योंकि वैश्विक दुनिया के मानकों के अनुसार वे लाभकारी नहीं हैं. वैश्वीकरण के मुनाफे की इस प्रवृत्ति ने भाषाओं के बीच जो दूरी पैदा की है, वह पहले कभी नहीं थी. पहले भी भाषाएं मरती रही हैं, लेकिन उसके कारण के रूप में मुनाफे वाली मानसिकता नहीं रही है. भाषाओं का यह संकट सामान्य रूप से भी...
More »आदिवासियों की आवाज थे जयपाल सिंह मुंडा-- अनुज कुमार सिन्हा
तीन जनवरी यानी जयपाल सिंह मुंडा का जन्म दिन. उस नेता का, जिसने न सिर्फ झारखंड आंदोलन को पहली बार एक स्वरूप दिया, बल्कि संविधान-सभा में भी पूरे देश के आदिव़ासियों का प्रतिनिधित्व करते हुए उनके हक के लिए संविधान में व्यवस्था करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. एक अच्छे और प्रभावशाली वक्ता होने के साथ-साथ वे वक्त को पहचानते थे. संगठन बनाने की कला उनमें थी. 20 साल बाहर...
More »आदिवासी -मूलवासी संगठनों का झारखंड बंद आज
रांची : झारखंड में स्थानीयता नीति की मांग को लेकर विभिन्न आदिवासी मूलवासी संगठनों ने 29 दिसंबर को झारखंड बंद बुलाया है़ इसे लेकर आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच, आदिवासी जन परिषद, कुरमी विकास मोर्चा, केंद्रीय सरना समिति, आदिवासी सरना महासभा समेत विभिन्न संगठनाें ने सोमवार की शाम काे जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम से अलबर्ट एक्का चौक तक मशाल जुलूस निकाला़ सीएम रघुवर...
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