जनसत्ता 15 नवंबर, 2013 : तेरह साल पहले झारखंड राज्य का गठन हुआ था। झारखंड आंदोलन की काट में वनांचल आंदोलन खड़ा करने वाली भाजपा ने झारखंड राज्य का गठन क्यों किया, इसको लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं। कुछ लोगों का मानना है कि अविभाजित बिहार की सत्ता पर काबिज होने की कोशिशों में विफल होने के बाद भाजपा ने अपने प्रभाव वाले इलाके की सत्ता पर काबिज होने की मंशा...
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जंगल-जमीन बचाने के लिए सतपुड़ा में आंदोलन- बाबा मायाराम
इन दिनों सतपुड़ा के जंगलों के आदिवासी आंदोलित हैं। इसकी एक झलक होशंगाबाद में जब दिखाई दी तब आदिवासियों के जोशीले नारों से यहां की गलियां गूंज उठीं। दूरदराज के गांवों से सैकड़ों की तादाद में यहां आकर आदिवासियों ने जता दिया कि शेर पालने के नाम पर उनकी रोजी-रोटी पर लगाई जा रही रोक उन्हें मंजूर नहीं है। इसका पूरी ताकत से विरोेध किया जाएगा। इस जुलूस का फौरी असर...
More »भूमि अधिग्रहण और आदिवासी
जनसत्ता 1 मई, 2013: आजकल भूमि अधिग्रहण विधेयक की चर्चा जोरों से चल रही है। वन अधिनियम पहले ही पास कराया जा चुका है। ये दोनों ही कदम आदिवासियों के जीवन को प्रभावित करने वाले हैं। जयराम रमेश का मंत्रालय बार-बार बदला जाना एक विडंबना ही है। जब-जब उन्होंने अपने मंत्रालय से कोई जन-भावन कदम उठा कर हस्तक्षेप करना चाहा, उनका मंत्रालय ही बदल दिया गया! चाहे वह वन या...
More »ग्रामीण खुद ही नहीं चाहते कि विकास हो, सीएम सड़क योजना अधर में
जगदलपुर. मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत होने वाले कार्य अब तक रफ्तार नहीं पकड़ सके हैं। मुख्यमंत्री योजना की सड़कों के लिए महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना से राशि उपलब्ध कराई जा रही है। इसके बावजूद कहीं वन क्षेत्र होने के कारण तो कहीं किसी और वजह से काम अटका हुआ है।...
More »आंगनबाड़ी पर बरसा धन
जागरण ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 300, सहायिकाओं को 200 और मिनी आगनबाड़ी वर्करों को 250 रुपये अतिरिक्त मानदेय जारी करने की स्वीकृति प्रदान की गई। यह वृद्धि पहली जनवरी से लागू होगी। प्रदेश की 18,352 आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब 3300, इतनी ही सहायिकाओं को 1700 और 330 मिनी आगनबाड़ी वर्करों को 1750 रुपये का मानदेय प्रति माह की दर से...
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