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योगीराज के तीन सालः आंकड़ों के आईने में एनकाउंटर, मर्डर, रेप, बेरोजगारी और बवाल…

-मीडियाविजिल, योगी आदित्यनाथ की गिनवायी उपलब्धियों की मीडियाविजिल ने सरकारी आंकड़ों के सहारे पड़ताल की है. यह पड़ताल समाज के प्रत्येक क्षेत्र से जुड़ी है. जो आंकड़े सामने आये हैं, वे दिल दहलाने वाली तस्वीर पेश करते हैं. मीडियाविजिल एक-एक कर के अलग-अलग क्षेत्रों की ज़मीनी हक़ीकत पाठकों के सामने रख रहा है. रोजगार  पिछले विधानसभा चुनाव के मौके पर भारतीय जनता पार्टी ने युवाओं के लिए 70 लाख नौकरियों का वादा किया था....

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इनसे एक बार का लिया कर्ज़ पुश्तें चुकाती हैं

आप सभी से एक सवाल है, अगर आपने कभी किसी से 5,000-10,000 रुपए का कर्ज लिया है तो उसे चुकाने में आपको कितना वक़्त लगता है? इस सवाल का जबाब आपकी आमदनी के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। लेकिन बिहार के गया जिले के फेंकू के लिए इस कर्ज का दर्द 30 साल का है। फेंकू माझी (46 वर्ष) को ठीक से याद नहीं है कि उनके परिवार ने ठेकेदार से 30...

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चुनावी हंगामे में रोजगार का मसला- हरजिंदर

इस बार आम चुनाव के दो थीम सॉन्ग हैं- रोजगार और कैश ट्रांसफर। ये दोनों गरीबी हटाने के सपने का हिस्सा हैं। कैश ट्रांसफर के सारे वादे सीधे और स्पष्ट हैं, जो छह हजार रुपये सालाना से शुरू होकर 72 हजार रुपये तक जाते हैं, साथ में कुछ पेंशन योजनाएं वगैरह भी हैं। लेकिन रोजगार के बारे में इतनी स्पष्ट बात नहीं की जा रही। पिछली बार भारतीय जनता पार्टी...

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ग्रामीण संकट: आठ सालों में पिछले साल मनरेगा के तहत नौकरियों की सबसे अधिक मांग रही

नई दिल्ली: मोदी सरकार के पिछले साल के आंकड़े दिखाते हैं कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत नौकरियों की मांग में बढ़ोतरी हुई है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2018-19 में 2017-18 की तुलना में काम की मांग में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. इसके साथ ही साल 2018-19 में साल 2010-11 के बाद से इस योजना के तहत व्यक्ति कार्य दिवस की सबसे अधिक संख्या दर्ज...

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10 फीसदी आरक्षण: तेजी से घट रही है सरकारी विभाग, बैंकों में नौकरियां

नई दिल्ली: रोजगार की संभावनाओं के संदर्भ में सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के लाभार्थियों को केंद्र सरकार में घटती नौकरियों की समस्या का समाना करना पड़ सकता है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कुछ सालों में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई), यहां तक कि बैंक में भी लगातार नौकरियां कम हो रही हैं. कार्मिक...

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