समाज व व्यवस्था की उदासीनता और वयस्क अपराधियों की सक्रियता की वजह से दिल्ली में बच्चों के कई आपराधिक गिरोह पनप रहे हैं. प्रियंका दुबे की रिपोर्ट. गर्मियों की एक दोपहर. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन. नई-दिल्ली-गुवाहाटी राजधानी एक्सप्रेस अपनी यात्रा पूरी कर चुकी है. यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर उतारने के बाद खाली हो चुकी ट्रेन धुलाई-सफाई के लिए रेलवे स्टेशन के पीछे बने यार्ड की तरफ बढ़ रही है. अचानक एक कोच...
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महामहिम, यही है हकीकत- अनुज कुमार सिन्हा
छह मार्च को हजारीबाग में शहीद निर्मल महतो पार्क के उदघाटन के मौके पर जब राज्यपाल पहुंचे, तो माल्यार्पण के लिए फूल तक नहीं था. जल्दबाजी में फूल का पूरा बोरा ही उठा कर लाया गया. मंच पर बैठने की ढंग से व्यवस्था तक नहीं थी. मंच छोटा था. अव्यवस्था थी. राज्यपाल नाराज हुए और कहा कि अपने लंबे राजनीतिक जीवन में राज्यपाल के कार्यक्रम में ऐसी अव्यवस्था नहीं देखी. वन...
More »आधी आबादी का पूरा हक ।।किरन राव।।
सिर्फ महिला दिवस आने पर ही महिलाओं की उपलब्धियों की चर्चा क्यों की जाती है? जेंडर पूर्वाग्रह का यह सबसे बड़ा कारण है. जरूरी है कि हम पूरे साल महिलाओं की उपलब्धियों की चर्चा करें और उनको प्रोत्साहित करें. क्यों किसी महिला का नाम तब तक हमारी जुबान पर नहीं आता, जब तक वह बड़ा कीर्तिमान स्थापित नहीं कर लेती. मेरीकॉम बिल्कुल विपरीत परिस्थिति में खुद को तैयार करती हैं, लेकिन लोग...
More »बात आदर्श विधायिका की- ।।हरिवंश।।
टाइम ’ में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर छपे लेख ‘द अंडरएचीवर ’ पर पूरी भारतीय राजनीति में तीखी बहस हुई. पर इसी लेख में एक अत्यंत महत्वपूर्ण टिप्पणी हैं. भारतीय संसद पर. दरअसल, भारतीय राजनीति में संवेदना, चरित्र और सिद्धांत शीर्ष होते, तो बवाल या बवंडर इस अंश पर होना चाहिए था. यह टिप्पणी सब पर है, पक्ष-विपक्ष समेत पूरी राजनीति पर. संसद कितना कामकाज करती है? गुजरे सत्र में सिर्फ...
More »खाप हत्याओं का जवाब बाल विवाह!
इज्जत के नाम पर युवाओं की हत्या की कीमत लड़कियों से वसूलने का सिलसिला शुरू हो गया है। हाल ही में कुछ अखबारों में प्रकाशित खबरों से पता चला है कि हरियाणा और पड़ोसी राज्यों में कच्ची उम्र में लड़कियों की शादी का सिलसिला चल पड़ा है। सगोत्र विवाह पर अंकुश लगाने के लिए लड़कियों की शादी जल्दी करने पर जोर दिया जा रहा है। खाप पंचायतों और आदिम समाज...
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