बीज खेती की बुनियाद है और अच्छे बीज, अच्छी खेती की जमानत। पर ये बीज ही आज किसानों को खून के आंसू रूला रहे हैं। हाल के सालों में ऐसे कई मामले सामने निकलकर आए हैं, जब बीज किसानों की बर्बादी की वजह बने। किसान अधिक पैदावार की लालच में संकर और जीएम बीजों का इस्तेमाल करते हैं और बाद में सिर्फ छले जाते हैं। हैरत की बात यह है...
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शहरों से लाकर मंदसौर में बेच देते थे बच्चियां
मंदसौर. छोटी-छोटी बच्चियां जिन्हें मालूम भी नहीं कि वे जिनकी गोदी में बैठी हैं वे उनकी मां नहीं है बल्कि चंद पैसों की लालच में उनकी जिंदगी का सौदा करने वाली खुदगर्ज महिलाएं हैं। इनमें से कुछ बच्चियां तो इतनी छोटी हैं कि वे मां के दूध के लिए बिलख रही हैं। मंदसौर जिले की पुलिस ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए सात मासूमों को दलालों के चंगुल से छुड़ाया। इन दरिंदों ने...
More »ये भला कैसा वेदांत?- सुनीता नारायण
कच्चे माल की मांग का बढ़कर सिर चकरा देने वाले 1.6 करोड़ टन प्रति वर्ष पर पहुंच जाने को लेकर पड़ने वाले पर्यावरण के प्रभावों का अभी तक आकलन ही नहीं किया गया है। इतना सारा बाक्साइट कहां से आएगा? इसके लिए कितनी नई खदानों की जरूरत होगी? कितना अतिरिक्त जंगल काटा जाएगा? कितना पानी निगल लिया जाएगा, कितना साफ पानी भयानक गंदा हो जाएगा?पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा उड़ीसा...
More »जान बचाने के लिए सिर्फ 4 घंटे
कोटा. शहर में बाढ़ आ जाए अथवा बैराज से अधिक मात्रा में पानी छोड़ना पड़े तो चंबल की डाउन स्ट्रीम में बने 15 हजार मकानों में बसे करीब 75 हजार लोगों के सामने संकट आ जाएगा। जब यह मकान बने तब किसी ने आपत्ति नहीं जताई लेकिन, 4 साल पहले बनी जल प्लावन की स्थिति के बाद प्रशासन सचेत हुआ, लेकिन अभी तक यह चेतना केवल सर्वे करवाने तक ही...
More »मंदिर में भगदड़, 63 की मौत
प्रतापगढ़। श्रद्धालुओं का सैलाब पलक झपकते ही मातम के मेले में बदल गया। संत कृपालु महाराज के आश्रम पर प्रसाद, थाली-कंबल के लिए मची होड़ में इस कदर अव्यवस्था फैली कि भगदड़ मच गयी। चीख-पुकार के बीच लोग एक-दूसरे पर गिरने-पड़ने लगे, रौंदने लगे। देखते ही देखते मंदिर प्रांगण में 63 लाशें बिछ गयीं। मौत के शिकार लोगों में 37 तो बच्चे थे और 26 महिलाएं। मौका था कृपालु महाराज की पत्नी की श्राद्ध पर भंडारे...
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