-लल्लनटॉप, आज की ख़बरों में ये महिलाएं टॉप पर बनी हुई हैं. कौन हैं ये और खबर में क्यों हैं, आप यहां पढ़ सकते हैं. 1. अम्बुजा अय्यर ख़बरों में क्यों हैं? 80 साल की उम्र में ऑनलाइन टीचिंग शुरू की है. कौन हैं ये? मैथ्स टीचर हैं. NDTV में छपी रिपोर्ट के अनुसार 50 साल से भी अधिक समय से स्कूली बच्चों को मैथ्स पढ़ा रही हैं. अब ऑनलाइन टीचिंग शुरू की है. अपना यूट्यूब...
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आठ गाँव के आदिवासियों ने 500 एकड़ बंजर जमीन पर तैयार कर दिया जंगल
-गांव कनेक्शन, आठ गांव के आदिवासियों ने दस साल में 500 एकड़ बंजर जमीन पर हरा भरा जंगल तैयार कर दिया है। लोगों ने हर एक पौधे और पेड़ की बच्चों की तरह देखभाल की जिससे ये जंगल तैयार हो पाया। मध्य प्रदेश के बालाघाट ज़िले में कान्हा नेशनल पार्क से लगे आठ गाँव के आदिवासियों ने अपने जज्बे से 500 एकड़ बंजर भूमि पर नया जंगल खड़ा कर दिया है।...
More »पहाड़ को जल संकट से उबारने में जुटे चंदन
-वाटर पोर्टल, उत्तराखंड़ का भौगोलिक और पौराणिक महत्व किसी भी अन्य क्षेत्र की अपेक्षा कईं ज्यादा अलौकिक और वृहद है। उत्तराखंड़ के संदर्भ में कहा जाता है कि ‘पहाड़ की जवानी पहाड़ के किसी काम नहीं आती। वो तो रोजगार की तलाश में मैदानों में चली जाती है। पहाड़ों पर तो बचते हैं, बूढ़े मां-बाप और बच्चे।’ जो लोग बचे हैं, वें चौड़ी पत्ती वाले जंगलों के कम होने से हर साल जल...
More »कई बेटियों का घर बसा चुकी हैं राजकुमारी किन्नर, अनाथ बच्चों को देती हैं माँ का प्यार!
-द बेटर इंडिया, किन्नर सुनते ही शायद नाच-गाना और बधाई देकर पैसे लेने लेने वालों की तस्वीर आपके मन में आती होगी। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी किन्नर माँ के बारे में जो करीब 10 बच्चों का पालन पोषण अपने खर्च पर कर रही हैं। झारखंड के बोकारो की रहने वाली यह किन्नर अपने इलाके में राजकुमारी किन्नर के नाम से लोकप्रिय हैं और लोगों के बीच...
More »बिहार: मशरूम की खेती किसानों को आत्मनिर्भर बनाने वाली महिला की कहानी
-बीबीसी, "मैं पिछले चार साल से यहां काम कर रहा हूँ. हर महीने आठ हज़ार रुपये मिलता है. लॉकडाउन के दौरान हम काम करते रहे और सैलरी मिली. लॉकडाउन में थोड़ी दिक्कत तो हुई ही. सभी को हुई. किसको नहीं हुई? सब परेशान हुए लेकिन मुझे कुछ खास दिक्कत नहीं हुई." यह कहना है 45 वर्षीय राजेश्वर पासवान का. राजेश्वर बिहार के वैशाली ज़िले के लालगंज गांव के रहने वाले हैं. इसी गांव...
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