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देश के सर्विस सेक्टर की गतिविधियां अगस्त में 21 महीने के उच्च स्तर से फिसल गयीं नीचे

नयी दिल्ली : देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में अगस्त में गिरावट देखी गयी. जुलाई में 21 महीने के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद इनमें भारी गिरावट दर्ज की गयी है. इसकी अहम वजह नये ऑर्डरों में कमी आना और लागत मुद्रास्फीति का बढ़ना है. सेवा क्षेत्र की कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों के बीच किये जाने वाले मासिक सर्वेक्षण में यह आंकड़े सामने आये हैं. निक्की इंडिया पीएमआई...

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असली चुनौती अभी कायम है-- अजीत रानाडे

त्रैमासिक राष्ट्रीय आय पर 31 अगस्त को जारी आधिकारिक आंकड़े में बताया गया कि अप्रैल से जून की तिमाही के दौरान देश के जीडीपी की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही. यह वृद्धि 7.5 अथवा 7.6 प्रतिशत की उम्मीद से ही नहीं, बल्कि 8 प्रतिशत के एक मनोवैज्ञानिक स्तर से भी स्पष्टतः अधिक थी, जो पिछली नौ तिमाहियों में सर्वाधिक होने की वजह से आर्थिक मोर्चे पर एक खुशखबरी है. पिछले...

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सरकार के अभियान में बड़ा खुलासा, सिर्फ कागजों पर चल रही हैं एक तिहाई कंपनियां

मुखौटा कंपनियों के खिलाफ केंद्र सरकार के अभियान में खुलासा हुआ है कि एक तिहाई कंपनियां सिर्फ कागजों पर चल रही हैं। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, जून महीने तक देश में पंजीकृत 17.79 लाख कंपनियों में सिर्फ 66 फीसदी कंपनी यानी 11.89 लाख ही सक्रिय हैं। बाकी कंपनियां कामकाज नहीं कर रही हैं।   ये कागजी कंपनियां अपनी सामान्य कारोबारी गतिविधियों के साथ नियम के मुताबिक जरूरी सूचनाएं समय...

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एक साल में आधी हो गई है कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर-- सीएसओ के नये आंकड़े

बीते वित्तवर्ष में कृषि क्षेत्र की बढ़वार की दर 2016-17 के मुकाबले तकरीबन 50 फीसद कम रही. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय(सीएसओ) के नये आंकड़ों से पता चलता है 2016-17 में कृषि-क्षेत्र की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रही जबकि 2017-18 में इस क्षेत्र का जीवीए(ग्रास वैल्यू एडेड/सकल मूल्य वर्धन) 3.4 प्रतिशत पर पहुंच गया है.   सीएसओ ने हाल में 2017-18 के लिए जीडीपी के अनंतिम अनुमान के साथ-साथ चौथी तिमाही, 2017-18 के लिए भी जीडीपी अनुमान...

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नए दौर में हो नई रोजगार नीति - डॉ भरत झुनझुनवाला

श्रम संसार पहले ही रोबोट से त्रस्त था। रोबोट द्वारा अधिकाधिक कार्य जैसे असेंबली लाइन पर कारों का निर्माण किया ही जा रहा था। अब कंप्यूटर द्वारा बौद्धिक कार्यों को भी किया जाने लगा है। इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई कहते हैं। जैसे यदि आपको कोर्ट में कोई मामला दायर करना हो तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम से आप जान सकते हैं कि उसी संबंध में कौन से पूर्व निर्णय दिए...

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